गेहूं क्रय केंद्र पर खरीद का जायजा लेते डिप्टी आरएमओ
बलरामपुर।
फसल समर्थन मूल्य योजना के तहत शत-प्रतिशत किसानों को लाभान्वित करने के लिए अब गांव-गांव किसानों से गेहूं की खरीदारी की जाएगी। ऐसी खरीद किसानों की ओर से मिली सूचना के बाद की जाएगी। इसके लिए मोबाइल क्रय टीम गठित की गई है। गेहूं खरीदने के बाद पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से किसानों को भुगतान कर दिया जाएगा।
किसानों की तरफ से उत्पादित गेहूं का समर्थन मूल्य इस बार शासन ने 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। जिले को 42 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य दिया गया है। लक्ष्य निर्धारित होने के बाद नोडल एजेंसी विपणन शाखा के प्रस्ताव पर जिला प्रशासन ने तीन क्रय एजेंसी के 55 केंद्रों को संचालित करने की मंजूरी प्रदान की। 30 दिन में केवल 1531.34 एमटी गेहूं 324 किसानों से खरीदा जा सका है। खरीद की धीमी गति को देखते हुए शासन ने मोबाइल क्रय केंद्र के माध्यम से गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है। शासन का निर्देश मिलने के बाद विपणन विभाग मोबाइल टीम गठित कर गांव-गांव गेहूं खरीद करने की कवायद में जुटा है।
पंजीकृत परिवहन ठेकेदार के माध्यम से गांव में ही खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए प्रचार-प्रसार करने में जुट गया है। गांव में खरीद करने के लिए संबंधित केंद्र प्रभारी के साथ राजस्व लेखपाल व पंचायत सचिव को शामिल किया गया है। गांव में खरीद हो इसके लिए किसानों को अपने नजदीकी क्रय केंद्र के प्रभारी को सूचित करना होगा। सूचना के बाद प्रभारी नामित सदस्यों के साथ ग्राम प्रधान के माध्यम से गांव में खरीद मोबाइल वाहन को जाने की सूचना देकर गांव में खरीद करेंगी।
खरीद के दौरान एक ट्रक पूरा होने तक गेहूं को पंचायत भवन में सुरक्षित रखा जाएगा। एक ट्रक गेहूं होने के बाद पंजीकृत परिवहन ठेकेदार के माध्यम से गेहूं की लोडिंग कर उसे एफसीआई भेजा जाएगा। गांव में ही खरीद हो इसके लिए मौके पर ही किसानों के पंजीकरण की भी प्रबंध किया जाएगा। पंजीकृत किसानों से प्वांइट ऑफ परचेज मशीन से आधार बेस खरीद कर 72 घंटे में पीएफएमएस पोर्टल की मदद से भुगतान किया जाएगा।
गांव-गांव चस्पा होंगे क्रय केंद्र प्रभारी के नंबर
मोबाइल टीम से गांव में गेहूं खरीद को सफल बनाने के लिए गांवों में केंद्र प्रभारी का नाम व मोबाइल नंबर का पोस्टर चस्पा कर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित किया जा सके इसके लिए ग्राम प्रधान के माध्यम से किसानों से संपर्क करने के साथ फोन पर बुकिंग की सुविधा दी गई है। किसान फोन पर अपना गेहूं बेचने का पंजीकरण कर सकेगा और संबंधित गांव के प्रधान व कोटेदार खरीद व्यवस्था में सहयोग करेंगे।
100 से 150 क्विंटल गेहूं होना अनिवार्य
मोबाइल क्रय केंद्र के माध्यम से गांव में गेहूं बेचने के लिए संबंधित गांव में कम से कम 100 से 150 क्विंटल गेहूं होना अनिवार्य है। लेकिन सिर्फ एक किसान के पास हो यह अनिवार्य नहीं है। गांव के अलग-अलग किसानों से खरीद करते हुए कम से कम एक ट्रक गेहूं होने की व्यवस्था केंद्र प्रभारी, ग्राम प्रधान व कोटेदार की मदद से करेगा। गांव में 100 से 150 क्विंटल गेहूं होने पर निर्धारित तिथि पर मोबाइल टीम गांव में जाकर गेहूं खरीदेगी।
पिछले वर्ष 7337.9 एमटी हुई थी गेहूं खरीद
वर्ष 2021-22 में 30 अप्रैल तक जिले के 55 क्रय केंद्रों पर 7337.9 एमटी गेहूं की खरीद हुई थी। खाद्य विभाग के 13 क्रए केंद्रों की तुलना में 12 पर अब तक 79 किसानों से 337.6 एमटी, पीसीएफ के 23 क्रय केंद्रों की तुलना में 16 पर 146 किसानों से 711.93 एमटी और यूपीएसएस के 19 क्रय केंद्रों की तुलना में 16 पर 99 किसानों से 481.82 एमटी गेहूं की खरीद की जा सकी है। जिले में अभी तक केवल 20.87 फीसदी गेहूं की खरीद हो सकी है।
पारदर्शी ढंग से होगी गेहूं की खरीद
डिप्टी आरएमओ नरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि फसल समर्थन योजना को पारदर्शी ढंग से लागू कराने की तैयारी की गई है। मोबाइल क्रय टीम गांव में जाकर मौके पर आधार बेस प्वाइंट ऑफ सेल मशीन से क्रय व भुगतान प्रक्रिया के माध्यम से किसानों से गेहूं खरीद की जाएगी। योजना से किसानों को परेशानी न हो इसके लिए सभी प्रबंध करते हुए मोबाइल टीम से गेहूं खरीद शुरु करने का निर्देश दिया गया है। गांव में गेहूं खरीद प्रक्रिया की नियमित निगरानी करते हुए किसानों को परेशान करने वाले केंद्र प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
किसानों को मिलेगी सुविधा
एडीएम राम अभिलाष ने बताया कि छोटे किसान के साथ थोड़ी मात्रा में गेहूं होने से वह क्रय केंद्र लाकर बेचने से गुरेज करते हैं। कम गेहूं क्रय केंद्र तक लाने में उन्हें किराया अधिक देना पड़ता था। ऐसे में मोबाइल क्रय केंद्र के माध्यम से गांव में ही गेहूं खरीद होने से किसानों के परिवहन व्यवस्था में होने वाला खर्च बचेगा और बिना किसी झंझट के गांव में घर बैठे गेहूं बेच सकेंगे। इस व्यवस्था से किसानों को सुविधा मिलेगी।