अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों पर हीमोग्लोबिन जांच किट उपलब्ध नहीं
बलरामपुर।
जिले में ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश स्वास्थ्य केंद्रों पर हीमोग्लोबिन जांच किट उपलब्ध नहीं है। ऐसे में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक पर गर्भवती महिलाओं की एनीमिया की जांच कैसे होगी, इसका जवाब स्वास्थ्य विभाग के पास भी नहीं है। जांच किट के लिए विभाग द्वारा डिमांड भेजी गई है।
गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच व पोषण आदि के लिए प्रत्येक माह की नौ तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जाता है। इसके तहत जिले के 20 स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक संचालित होती हैं। जहां आने वाली गर्भवती की हीमोग्लोबिन, शुगर, यूरिन, ब्लड ग्रुप, एचआईवी, वजन, ब्लड प्रेशर, अल्ट्रासाउंड आदि जांचें की जाती हैं। गर्भवती का हीमोग्लोबिन 11 प्रतिशत से कम होने पर उसे आयरन, फोलिक एसिड व कैल्शियम की गोलियां दी जाती हैं। सात प्रतिशत से कम हीमोग्लोबिन होने पर आयरन सुक्रोज का इंजेक्शन देना होता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार मातृ मृत्यु का सबसे बड़ा कारण एनीमिया माना गया है। ब्लॉक द्वारा एचएमआईएस पोर्टल पर दर्ज डाटा के अनुसार यहां की 60 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं। ऐसे में स्वास्थ्य केंद्रों पर हीमोग्लोबिन जांच किट उपलब्ध न होने से गर्भवती महिलाओं की एनीमिया जांच नहीं हो पा रही है। गर्भवती का जब तक हीमोग्लोबिन पता नहीं चलेगा, तब तक उसे दवा की कितनी डोज दी जानी है ये पता नहीं लग पाएगा। हीमोग्लोबिन जांच किट की अनुपलब्धता के चलते प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक का आयोजन भी महज औपचारिक बनकर रह जाएगा।
कुछ स्वास्थ्य केंद्रों पर हीमोग्लोबिन जांच किट उपलब्ध न होने की जानकारी मिली है। मुख्यालय पर भी जांच किट का अभाव है। हीमोग्लोबिन जांच किट के लिए डिमांड भेजी गई है। जल्द ही हीमोग्लोबिन जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाएगी। डॉ. बीपी सिंह, एसीएमओ बलरामपुर