बलरामपुर

सफाई कर्मियों की लापरवाही

बलरामपुर।

जिले में गांवों में साफ-सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए प्रतिमाह खर्च होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में गंदगी का अम्बार है। ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात सफाई कर्मी छह माह में भी गांवों की गलियों व नालियों की सफाई करने नहीं जाते। जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर व बजबजाती नालियां गांव की पहचान बन चुकी हैं। नालियों के पट जाने से बरसात में जल निकासी की सुविधा न होने के कारण रास्तों व गलियों में गंदा पानी भरा रहता है जिससे लोगों को आवागमन में परेशानियां होती हैं। वहीं कई दिनों तक जल भराव होने के कारण संक्रामक बीमारियों के फैलने की सम्भावना भी बनी रहती है।

जिले के तीन तहसील क्षेत्रों के नौ ब्लाकों के 800 ग्राम पंचायतों में साफ-सफाई को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए 1004 सफाई कर्मी तैनात हैं। प्रत्येक सफाई कर्मी को प्रतिमाह लगभग 30 हजार रुपए वेतन मिलता है। करीब तीन करोड़ रुपए प्रतिमाह सफाई कर्मियों के वेतन के नाम पर खर्च होने के बाद भी गांवों की सफाई व्यवस्था बदहाल है। सफाई कर्मियों की जिम्मेदारी थी कि गांव की नाली से लेकर खडंजा व अन्य प्रमुख मार्ग को साफ-सुथरा रखें। लोगों के घरों से निकलने वाले कूड़ों को निर्धारित स्थल पर डलवाएं। अधिकांश सफाई कर्मी मनमानी कर रहे हैं। प्रधानों की शिकायत के बावजूद जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं। कर्मचारियों की अनदेखी के चलते सफाई कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले है। अधिकांश गांव ऐसे हैं जहां पर करीब एक साल सफाई कर्मी गए ही नहीं। सदर ब्लाक के ग्राम पंचायत भुसैलवा, बहेरेकुइंया गांव में नालियां इस कदर पट गई हैं कि जल निकासी बाधित है। बहेरेकुइंया निवासी साजिद, हामिद अली, बाबू, गुड्डू, सुरेश व सनाउल्लाह ने बताया कि तीन माह से गांव में सफाई कर्मी नहीं आता है। ग्राम प्रधान ने कहा कि सफाई कर्मी को कई बार गांव में आने के लिए कहा लेकिन वह नहीं आया। गांव में नाला पट जाने से गंदा पानी लोगों के घर के सामने भरा हुआ है। तुलसीपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत महराजगंज तराई की आबादी करीब 20 हजार है। ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पंचायत में तीन सफाई कर्मियों की तैनाती की जानी थी जिसके सापेक्ष मात्र एक सफाई कर्मी तैनात है। वह भी कभी कभार ही साफ-सफाई करने आता है। गांव में गंदगी की भरमार है। महीनों तक गंदा पानी भरा होने से गांव में संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका है।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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