कागजों में दुरुस्त हुए तटबंध, बाढ़ में बह गया बजट
बलरामपुर ।
बाढ़ की त्रासदी से गांवों को बचाने के नाम पर बाढ़ खंड महकमे ने जमकर खेल किया। 17 तटबंधों पर बाढ़ व कटानरोधी कार्य के नाम पर विभाग ने करोड़ों रुपये का वारा-न्यारा कर दिया।
मानसून देर से आने के कारण विभाग की सुस्ती से कार्य भी अधर में थे। अब जब अक्टूबर में बाढ़ ने तबाही मचाई, तो सभी कार्यों को शत-प्रतिशत पूर्ण दिखा दिया गया।
बाढ़ खंड की बाजीगरी से तटबंध तो दुरुस्त नहीं हुए, लेकिन शासन का बजट जरूर साफ हो गया।
बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिए उप्र सरकार ने तटबंधों को समय रहते दुरुस्त करने के लिए 23 करोड़ 26 लाख 27 हजार की लागत से 11 परियोजनाएं स्वीकृत की थीं। इसका उद्देश्य छत्तरसिंह डिहवा, टेढ़वा, सरदारगढ़, गोसाईंपुरवा, सोहना, पाठकपुरवा, एलेनपुर, सदानंद परसोहिया समेत अन्य गांवों की दो लाख से अधिक आबादी को बाढ़ व कटान से सुरक्षित करना था।
राप्ती नदी के दाएं तट पर स्थित बलरामपुर-भड़रिया तटबंध के किमी 12.500 से 12.950 के मध्य ग्राम छत्तरसिंह डिहवा के निकट, किमी 18.300 से 18.900 के मध्य कोड़रवा के पास व किमी 21.650 से 22.100 के मध्य टेढ़वा चुचुहिया के समीप कटान निरोधक कार्य 499.68 लाख रुपये स्वीकृत हुआ था।