तेज गर्मी का असर: सूखे नदी व तालाब
बलरामपुर।
जिले में तेज गर्मी का असर दिखने लगा है, यहां आसपास की नदियों का पानी सूख गई है, वहीं आसपास के तालाबों में अब बिलकुल भी पानी नहीं है। इस वजह से मवेशी पानी के लिए तड़प रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ तालाबों में पानी था, पर बिल्डिंग सहित अन्य निर्माण के लिए वहां मोटर लगाकर पानी निकाल लिया गया।
अब चनान नदी के एनिकट के पास कई बिल्डिंग बन रही हैं, तो वहां पंप लगाकर टैंकर से पानी ले जाया जा रहा है। भीषण गर्मी से नगरपालिका क्षेत्र की सबसे बड़ी तालाब माड़ो का 80 प्रतिशत हिस्सा सूख चुका है। इसी तालाब से पशु पानी पीते हैं, लेकिन इसी तालाब से मकानों के निर्माण के लिए पानी लिया जाता है, जिससे यहां जल संकट गहराया है।
कई ऐसे तलाब हैं, जो पूरी तरह से सूख गए हैं। चनान नदी व सिंदूर नदी का 70 प्रतिशत हिस्सा सूख गया। इन नदियों में पानी कहीं-कहीं गड्ढे वाले स्थान में ही हैं, बाकी पानी का धार सूख चुकी है। भीषण गर्मी से क्षेत्र के कई हैंडपंप भी सूख गए हैं, जो हैंडपंप या बोर 100 फीट से पानी उगलता था, उसमें अब 20 से 30 फीट अतिरिक्त पाइप डालने के बाद पानी मिल रहा है।
इससे क्षेत्र में लगातार पेयजल का संकट गहराता जा रहा है, जिले के आसपास के गांव को छोड़ दिया जाए तो आउटर के सभी गांव में एक हिस्से में पेयजल की समस्या बनी हुई है। 1 सप्ताह में यदि बारिश शुरू नहीं होती है, तो पेयजल संकट और गहराएगा। अभी बारिश नहीं होने और भीषण गर्मी के कारण जहां आम जनजीवन अस्त व्यस्त है।