पीलीभीत

अस्पताल हो या फिर बाजार… हर जगह भीड़ है बेशुमार

पीलीभीत।

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा सिर पर मंडरा रहा है, लेकिन शहर के लोग बेपरवाह नजर आ रहे हैं। बढ़ते खतरे को देखते हुए नाइट कर्फ्यू के साथ कुछ शासन ने पाबंदियां जरूर लगाई गई हैं लेकिन दिन में बाजार, रेस्टोरेंट, कार्यालयों में भीड़ में सामाजिक दूरी नदारद है। साथ ही लोग मास्क लगाना भी भूल गए हैं। शुक्रवार को टीम शहर का हाल जानने निकली तो तस्वीर बेहद चिंताजनक नजर आई। सरकारी कार्यालय हों या फिर बाजार, सरकारी अस्पताल हों या निजी, हर जगह लोग बिना मास्क नजर आए। नेताओं के सम्मेलन हों या फिर शादियां, लोग भावी खतरे को लेकर संजीदा नहीं है। भीड़ और हुड़दंग कहीं शहर पर भारी न पड़ जाए। बृहस्पतिवार को बरेली में कोरोना का एक केस मिलने के बाद सभी को सचेत होने की जरूरत है।

जिला अस्पताल की ओपीडी के अंदर और बाहर ज्यादातर लोग बिना मास्क के नजर आए। न मास्क और न ही सामाजिक दूरी का पालन नजर आया। जबकि स्वास्थ्य विभाग पर ही लोगों को जागरूक करने की ज्यादा जिम्मेदारी है।

जिले में शासन के नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन की है, जबकि कलक्ट्रेट का हाल यह है कि ज्यादातर लोग यहां बिना मास्क के नजर आए। डाकघर की विंडो पर लोगों की भीड़ जुटी थी और किसी ने मास्क नहीं लगाए हुआ था।
दोपहर 1:58 बजे बाजार
शहर के मुख्य बाजार का हाल सबसे बुरा है। शहर के हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि कोविड गाइडलाइन का पालन करें। बाजार में न सामाजिक दूरी नजर आई न लोग मास्क पहने दिखे। रेस्टोरेंट हो या दुकानें सभी का यही हाल नजर आया।
दोपहर 2:12 बजे एक निजी अस्पताल के बाहर
शहर के एक निजी अस्पताल के बाहर भी लोग भीड़ में बिना मास्क के नजर आए। जबकि डॉक्टरों की जिम्मेदारी बनती है कि लोगों को मास्क पहनने के प्रति जागरूक करें।
दोपहर 2:25 बजे, एक पार्टी का सम्मेलन
यह कहना गलत नहीं होगा कि ग्राम पंचायतों के चुनाव के बाद ही दूसरी लहर ने तबाही मचाई। अब विधानसभा चुनाव हैं और राजनीतिक पार्टियां वोट जुटाने की जुगत में सब भूूल गए। शुक्रवार को सपा के एक सम्मेलन में ज्यादातर कार्यकर्ताओं ने न मास्क पहना और सामाजिक दूरी का पालन किया।

महिलाएं और युवा हो रहे जागरूक
पुरुषों की तुलना में महिलाएं खासतौर से युवा मास्क और सामाजिक दूरी के मामले में ज्यादा जागरूक हो रहे हैं। शुक्रवार को शहर के बाजार, चौराहे, अस्पताल आदि के हाल देखा तो मास्क पहनने वाले ज्यादा या तो युवा थे या महिलाएं।

ब्यूरो रिपोर्ट- श्री कृष्ण मौर्य।

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