बलरामपुर

यूक्रेन में फंसे जिले के चार और मेडिकल छात्र अपने घर लौटे, घर मे खुशी का माहौल

बलरामपुर।

यूक्रेन में फंसे जिले के चार और मेडिकल छात्र अपने घर लौट आए हैं। माता-पिता व भाई से मिलते ही छात्र-छात्राओं ने यूक्रेन में हो रही बमबारी व खुद पर पल-पल मंड़राते खतरे एवं जान बचाने के लिए किए संघर्षों की दास्तां सुनाई तो परिवारजन के साथ ग्रामीण भी सिहर गए। मौत के मुंह से वापस लौटे बेटी व बेटों को पाकर परिवार ने भारत की विदेश नीति का बखान कर भारत सरकार के प्रति आभार जताया।

यूक्रेन के इवानोफ्राकिस्क में फंसी तुलसीपुर के नचौरा निवासी सुरेश कुमार कुशवाहा की पुत्री दामिनी कुशवाहा शुक्रवार की शाम घर पहुंच गई। उसके भाई पीयूष ने बताया कि डरी सहमी दामिनी पूरा दिन सोती रही। तनाव व डर के कारण वह अब अपनी बहन के यहां गई है। खारकीव में फंसा उतरौला के पिपरा रामचंद्र अहिरौला का आबिद सीधे दिल्ली से बीमार मां से मिलने मुंबई गया था। पिता वशारत अली ने बताया कि मां से मिलने के बाद वह आ रहा है। यूक्रेन के ओडिसा में फंसा गांधी नगर उतरौला निवासी ओवैश खान भी घर आ गया। सरकार का सार्थक रहा प्रयास, नहीं लिया गया कोई शुल्क।

यूक्रेन के जकरपट्टी में फंसे गैंड़ास बुजुर्ग का छकरवा निवासी पवन कुमार वर्मा भी अपने घर पहुंच गया है। उसने बताया कि पौलैंड-हंगरी के बार्डर पर फंसा हुआ था। बताया कि भारत सरकार के प्रयास से उसे वहां से निकालकर होटल में खाना पानी खिलाकर हंगरी लाया गया। हंगरी से दिल्ली पहुंच गया। खास बात यह है कि उसके एक भी रुपये नहीं खर्च हुए। तीन छात्रों की वापसी का इंतजार।

जिले के तीन छात्र मो.जावेद, सुरेश वर्मा, विवेक श्रीवास्तव अब भी फंसे हुए हैं। इनके परिवार को बेटे की वापसी का बेसब्री से इंतजार है। आपदा सलाहकार सचिन मदान ने बताया कि तुलसी पार्क में विवेक के घर नायब तहसीलदार ने उसके परिवार को सांत्वना दी। यूक्रेन में फंसे जो छात्र नहीं लौटे हैं,उनके घर मजिस्ट्रेट की अगुवाई में टीमें जाकर ढांढ़स बंधा रही है।

रिपोर्ट- पवन कुमार मिश्रा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button