उत्तर प्रदेशलखनऊ

मिहीलाल रावत ने लगाई न्याय की गुहार

₹1,00,000 ना देने पर फर्जी केस में भेजा जेल

लखनऊ।

मिहिलाल रावत निवासी मखदूमपुर कैथी थाना बिजनौर का कहना है कि पुलिस ने उनके बेटे हंसराज को नाजायज रूप से उठाकर फसाया।

मिहिलाल रावत ने आरोप लगाया है कि उनके लड़के को थाना बंथरा में षड्यंत्र के तहत फसाया गया। उनके बेटे को यह कहकर उठाकर ले गए कि केवल उससे पूछताछ की जाएगी लेकिन वहां ले जाकर उसको तमंचा रखने व मोटरसाइकिल चोरी के इल्जाम में जेल भेज दिया गया। मिहीलाल रावत ने जब इस पर पैरवी की और पता किया कि तो पता चला कि वह मोटरसाइकिल लावारिस थी।

मोटरसाइकिल मालिक से जब पूछा गया कि आपकी मोटरसाइकिल चोरी हुई थी तो उसने कहा कि मेरी मोटरसाइकिल चोरी नहीं हुई थी एक्सीडेंट के दौरान वह लावारिस रूप में रह गई थी। मोटरसाइकिल मालिक ने कोर्ट में भी यह बयान दिया कि मेरी मोटरसाइकिल चोरी नहीं हुई थी।

मिहीलाल रावत का कहना है कि बंथरा थाने में तैनात दरोगा सेंगर व मुन्नालाल ने उनके पुत्र को फर्जी आरोप में फंसाया है और उनके पुत्र हंसराज को छोड़ने के लिए ₹100000 की मांग की थी जो कि वह देने में असमर्थ थे इसलिए उन्होंने रस्सी का सांप बनाकर उनके बेटे को फर्जी केस में फंसा कर जेल भेज दिया। आगे भविष्य में भी उनको यह भय है कि वह उनके लड़के हंसराज को किसी फर्जी केस में फसा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि केस की निष्पक्षता से जांच करें और उनके पुत्र को फर्जी आरोपों से बरी करवाकर उनको न्याय दें जिससे उसके आगे का भविष्य खराब न हो।

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