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ऐसे तो मिलने से रहा शारदा का वरदान, वंचित नौनिहाल

बलरामपुर।

शिक्षा से वंचित नौनिहालों को स्कूल पहुंचाने की मुहिम परवान नहीं चढ़ पा रही है। किन्हीं कारणों से स्कूल न जा पाने व बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों के लिए शारदा कार्यक्रम शुरू किया गया था। मगर विभागीय लापरवाही के चलते यह अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पा रहा है।

चालू शिक्षा सत्र में 9090 बच्चों का नामांकन कराने का लक्ष्य था। अब तक मात्र 1665 आउट आफ स्कूल बच्चे चिह्नित हुए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी सभी ब्लाक संसाधन केंद्रों पर शारदा प्रशिक्षण कराकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। इसका लाभ नौनिहालों को नहीं मिल रहा है।

सर्व शिक्षा अभियान के तहत छह से 14 वर्ष तक के शिक्षा से विमुख बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए शुरू की गई पहल शारदा (स्कूल हर दिन आएं) खटाई में पड़ गई है। विभागीय अधिकारी अब तक जिले के सभी नौ ब्लाकों व दो नगर क्षेत्रों में 1665 बच्चों के नामांकन का दावा कर रहे हैं। पहले कोरोना महामारी और अब विभागीय शिथिलता से पुन: स्कूल में दाखिले की आस लगाए नौनिहालों का इंतजार बढ़ता जा रहा है।

शारदा योजना के तहत हाउस होल्ड सर्वे कर दो श्रेणियों में शिक्षा से वंचित बच्चों का चिह्नांकन करना है। पहला ऐसे बच्चे जिनका विद्यालय में कभी नामांकन न हुआ हो व दूसरा ऐसे जिनका पहले नामांकन हुआ था, लेकिन कतिपय कारणों से शिक्षा पूरी किए बिना विद्यालय छोड़ दिया हो। इन बच्चों को चिह्नित कर उनका विवरण एप पर फीड होना है। नए सत्र में इन बच्चों को विशेष प्रशिक्षण देने के बाद आयु के अनुरूप विभिन्न कक्षाओं में नामांकन कराया जाना है।

रिपोर्ट- राजेन्द्र प्रताप देवगिरि।
रिपोर्ट- राजेन्द्र प्रताप देवगिरि।

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