खांदी कटने से डूबी 200 बीघा फसल
उन्नाव।
ग्राम रसूलपुर रूरी और सलेमपुर के बीच नहर की खांदी शुक्रवार रात में चार जगह कट गई। इससे पानी नजदीक के खेतों में भर गया। 200 बीघा गेहूं की फसल जलमग्न हो गई। किसानों ने लाखों के नुकसान का अंदेशा जताया है।
ग्राम रसूलपुर रूरी और उसके मजरे सलेमपुर के बीच से निकली नहर की खांदी चार स्थानों पर कट गई। बहाव तेज होने के कारण पानी नजदीक के खेतों में भरने लगा। शनिवार सुबह जब किसान खेतों की ओर निकले तो फसलें जलमग्न देख उनके होश उड़ गए। रसूलपुर रूरी और सलेमपुर के राम औतार, जगतनारायण, जीतबहादुर, संतराम, मुन्नू, दयाराम, गंगाराम, बाबूलाल, प्रेमशंकर, कृपाशंकर, टिकई, चुन्नी लाल, नन्हे लाल, होरी लाल, रुचि पाल, ऋ षभ पाल, लक्ष्मी, रामरूप, सतीश कुमार, सुशील कुमार और बेचेलाल सहित अन्य की गेहूं की फसल में पानी भर गया। दूर-दूर तक पानी ही पानी दिखाई दे रहा था। किसानों ने अधिकारियों को सूचना दी लेकिन जब काफी देर तक कोई मौके पर नहीं पहुंचा तो खुद ही नहर की खांदी बांधने की कवायद शुरू की। कड़ी मशक्कत के बाद खांदी बांधने में सफलता मिली लेकिन खेतों में भरा पानी नहीं निकाला जा सका।
ग्राम प्रधान रामेश्वरी ने एसडीएम को दिए प्रार्थनापत्र में बताया कि कुछ अराजकतत्वों ने रंजिशन नहर की खांदी काट दी है। खांदी तो बांध दी गई है लेकिन खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है। इससे फसल सड़ने की आशंका बढ़ गई है। किसानों का कहना है कि अमूमन प्रति बीघे में 12 क्विंटल गेहूं पैदा होता है। वर्तमान में 1500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बिक रहा है। इस हिसाब से 200 बीघे में बोई गई गेहूं की फसल के डूबने से 36 लाख के नुकसान की आशंका है। एसडीएम अंकित शुक्ला ने बताया कि थाना बेहटामुजावर पुलिस को ग्राम प्रधान द्वारा अराजकतत्वों पर खांदी काटने की जताई गई आशंका की जांच कर कार्रवाई के लिए कहा है। नुकसान का भी आंकलन कराया जाएगा।
