उत्तर प्रदेश

लखनऊ में ट्रैफिक पुलिस का मानवीय चमत्कार — सहायक टीआई दिलीप कुमार सिंह की सूझबूझ से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हार्ट पेशेंट की बचाई गई ज़िंदगी

क्राइम वीक न्यूज
लखनऊ की ट्रैफिक पुलिस ने मंगलवार को मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय क्षमता का ऐसा उदाहरण पेश किया, जिसने न सिर्फ शहर की पुलिसिंग पर भरोसा मज़बूत किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि राजधानी की आपातकालीन व्यवस्था किसी बड़े महानगर से कम नहीं है। गोसाईगंज यातायात व्यवस्था का नेतृत्व कर रहे सहायक टीआई दिलीप कुमार सिंह ने अपनी पूरी टीम के साथ मिलकर एक गंभीर हार्ट पेशेंट के लिए फ़ौरन “ग्रीन कॉरिडोर” तैयार किया और एंबुलेंस को लखनऊ सीमा से मेदांता अस्पताल तक बिना किसी बाधा के सुरक्षित पहुँचाकर एक अनमोल जीवन बचाने में निर्णायक भूमिका निभाई।
65 वर्षीय मरीज कौशल्या देवी की स्थिति अत्यधिक गंभीर थी। सूचना मिलते ही सहायक टीआई दिलीप कुमार सिंह ने एक सेकंड भी गंवाए बिना पूरे रूट की कमान अपने हाथ में ले ली। हर चौराहे पर ट्रैफिक कर्मचारियों को अलर्ट किया गया, डाइवर्जन लागू किए गए और पूरे मार्ग को तुरंत क्लियर कराया गया। पूरे रास्ते न कहीं जाम लगा और न ही एंबुलेंस को रुकना पड़ा — यह सब तेज़ निर्णय, कड़े नियंत्रण और टीम के सूझबूझ भरे संचालन का परिणाम था।
मेदांता अस्पताल में डॉ. पी.के. गोयल और उनकी मेडिकल टीम एंबुलेंस के पहुँचने से पहले ही हाई अलर्ट मोड पर तैयार थे। एंबुलेंस के इमरजेंसी गेट पर पहुँचते ही इलाज तुरंत शुरू किया गया, जिससे हार्ट अटैक पीड़ित को सही समय पर जीवनरक्षक चिकित्सा उपलब्ध हो सकी।
इस पूरे अभियान पर एडीजी सतीश गणेश, ट्रैफिक डीसीपी कमलेश दीक्षित, यातायात मुख्यालय एसीपी विपिन पांडेय और गोसाईगंज एसीपी राधारमण सिंह लगातार नजर बनाए हुए थे। लेकिन जमीनी स्तर पर नेतृत्व, संचालन और रियल टाइम मॉनिटरिंग की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सहायक टीआई दिलीप कुमार सिंह ने बखूबी संभाली। उन्होंने न सिर्फ पूरे मार्ग को सुचारू रखा बल्कि हर सेकंड स्थिति पर निगरानी करते हुए ग्रीन कॉरिडोर को लगातार सक्रिय बनाए रखा।
यह अभियान केवल एक ड्यूटी नहीं था — यह लखनऊ ट्रैफिक पुलिस की मानवता, जिम्मेदारी, अनुशासन और पेशेवर दक्षता का जीवंत प्रमाण है। जिस तरह बड़े महानगरों में आपात स्थितियों में ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया जाता है, उसी स्तर की तत्परता और क्षमता लखनऊ पुलिस ने इस ऑपरेशन में प्रदर्शित की है।
इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि लखनऊ की ट्रैफिक पुलिस उतनी ही सक्षम और सजग है जितनी किसी भी हाई-टेक शहर की। सहायक टीआई दिलीप कुमार सिंह और उनकी टीम की त्वरित कार्रवाई ने एक परिवार को नया जीवनदान दिया और पुलिस के प्रति जनता के विश्वास को और मजबूत किया है।

ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञानचंद।
ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञान सिंह।

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