भारी ओलावृष्टि से बर्बाद फसलें
उन्नाव।
जिले के बांगरमऊ, हसनगंज और सफीपुर तहसील के कुछ क्षेत्रों में शनिवार रात हुई ओलावृष्टि ने किसानों को बर्बाद कर दिया। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे से लेकर अन्य मार्ग को ओलों की एक मोटी परत से ढक गए। सुबह कई स्थानों पर सड़क किनारे ओलों की बर्फ लोगों को देखने के लिए भी मिली। ओलावृष्टि के कारण गलन बढ़ गई है। अधिकतम तापमान 16 और न्यूनतम पांच डिग्री रहा। वहीं जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में रात से शुरू हुई बारिश रविवार को भी पूरे दिन जारी रही। इस तरह से करीब 105 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई। वर्ष 1998 के बाद जनवरी में इतनी अधिक बारिश का रिकार्ड भी बना।
लगातार दो-तीन दिनों से हो रही बेमौसम बरसात के बीच शनिवार रात ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई। बांगरमऊ, गंजमुरादाबाद, फतेहपुर चौरासी, औरास क्षेत्र में इसका व्यापक प्रभाव रहा। इन क्षेत्रों में गेहूं, जौ, सरसों, आलू, टमाटर, गोभी, बंधा, मटर, बैंगन आदि की फसल खराब हो गई हैं। इससे किसानों को बड़ा झटका लगा है। ओलावृष्टि इतनी भयंकर थी कि सुबह तक सड़क के किनारे बर्फ की चादर सी बिछी नजर आई। सादुल्लापुर, पीथनहार, फतेहपुर चौरासी ग्रामीण, मिट्ठू खेड़ा, जमालुद्दीनपुर, कठिघरा आदि करीब सैकड़ों गांव में ओलावृष्टि होने से खेतों में खड़ी जौ, सरसों, आलू, टमाटर, गोभी, बंधा, मटर, बैंगन आदि की फसल बर्बाद हो गई है।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार अभी सोमवार को भी बादल छाए रहेंगे। बारिश की संभावना भी है। पश्चिमी विक्षोभ और उत्तर की हवा का सर्कुलेशन बनने से मौसम बिगड़ा हुआ है। ओलावृष्टि के कारण गलन बढ़ गई है।
ओले की बर्फ से ढका एक्सप्रेसवे
गंजमुरादाबाद : बीते शनिवार की देर रात क्षेत्र में बारिश के साथ ही आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे समेत कई स्थानों पर ओलावृष्टि हुई। इसमें एक्सप्रेसवे पर काफी बड़े आकार के ओले गिरने से उसकी परत ने सड़क को पूरी तरह से ढक लिया। इससे कुछ समय के लिए आवागमन भी प्रभावित रहा। कई स्थानों पर पेड़ों की डाले टूटने से बिजली आपूर्ति भी चरमरा गई।
