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पीलीभीत: पीटीआर की शोभा बढ़ाएंगे बेंगलुरु के हाथी, जांच के लिए आज पांच सदस्यीय टीम होगी रवाना

पीटीआर में पर्यटकों को हाथी के दीदार भी नहीं होते हैं। अब पीटीआर प्रशासन ने हाथियों को जंगल में रखने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए बेंगलुरु से पांच हाथियों को लाया जाएगा। वहां से हाथी लाने से पहले परीक्षण के लिए शनिवार को टीम रवाना होगी।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में अब बेंगलुरु के हाथी देखने को मिलेंगे। हाथियों के परीक्षण के लिए मुख्य वन संरक्षक के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम शनिवार को रवाना होगी। दो माह में हाथी पीटीआर पहुंच जाएंगे।

पीलीभीत के जंगल को जून 2014 में टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला था। इसके बाद बाघों की संरक्षा के संबंध में तैयारियां शुरू कर दी गई थीं। शुरुआती दौर में मानव-बाघ संघर्ष आए दिन होता रहता था। जंगल के अंदर वनकर्मियों को गश्त करने में भी दिक्कत होती है। जंगल के बाहर बाघों के निकलने से उनको पिंजडे़ में कैद करने या फिर ट्रैंक्युलाइज करने के लिए दुधवा से हाथी मांगने पड़ते हैं। इससे काफी दिक्कत होती है।

पीटीआर में पर्यटकों को हाथी के दीदार भी नहीं होते हैं। अब पीटीआर प्रशासन ने हाथियों को जंगल में रखने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए बेंगलुरु से पांच हाथियों को लाया जाएगा। वहां से हाथी लाने से पहले परीक्षण के लिए शनिवार को मुख्य वन संरक्षक गणेश भट्ट, डीडी नवीन खंडेलवाल, एसडीओ सत्यपाल प्रसाद, डॉ. दक्ष गंगवार और महावत इरशाद रवाना होंगे।

पांच दिन वहां रुकने के दौरान हाथियों को लाने की कार्रवाई की जाएगी। डॉ. दक्ष हाथियों का परीक्षण करेंगे। इसके बाद टीम 16 दिसंबर को वापस आ जाएगी। इसके बाद जनवरी तक पांचों हाथी पीलीभीत पहुंच जाएंगे।

हाथियों को भाषा सिखाने आएंगे पांच महावत

पीटीआर में हाथियों के साथ वहां के पांच महावत आएंगे। यहां एक माह तक रुककर वहां के पांचों महावत यहां के जंगल से हाथियों को रूबरू कराने के साथ ही स्थानीय महावतों की पहचान कराएंगे। यहां की भाषा का भी हाथियों को ज्ञान देंगे। इसके बाद वहां के महावत लौट जाएंगे। दो हाथियों को माला रेंज और तीन हाथियों को बराही रेंज में रखा जाएगा। सभी के लिए तबेला बनाकर तैयार करा दिए गए हैं। इनकी देखरेख के लिए 10 कर्मचारी और पांच महावत पीटीआर प्रशासन की ओर से रखे जाएंगे।

पहले भी पीटीआर प्रशासन खरीद चुका है एक हाथी

पीटीआर प्रशासन की ओर से 2013 में तारा नाम का एक हाथी साढ़े पांच लाख का खरीदा गया था। इसके बाद वह बीमार हो गया। लंबे समय तक उसका इलाज चला, मगर उस हाथी की मौत हो गई थी। तब से पीटीआर प्रशासन के पास कोई हाथी नहीं है।

हाथियों के परीक्षण को लेकर टीम शनिवार को रवाना होगी। हाथियों का परीक्षण करने के बाद टीम लौट आएगी। इसके बाद कार्रवाई पूरी होने के बाद एक से दो माह में हाथी आ जाएंगे।

ब्यूरो रिपोर्ट- श्री कृष्ण मौर्य।

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