फर्जी धान खरीद के विरोध में भाकियू ने मंडी गेट पर धरना देकर किया प्रदर्शन
पीलीभीत।
धान की फर्जी खरीद, खरीदे गए धान का भुगतान किसानों को न मिलने के विरोध में भाकियू ने मंडी समिति गेट पर धरना देकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने फर्जी खरीद शीघ्र न रुकने पर उग्र प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। अन्नदाता किसान यूनियन और भाकियू चढूनी के नेताओं ने फर्जी खरीद बंद न होने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
भाकियू के जिलाध्यक्ष स्वराज सिंह और अन्नदाता किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष मनप्रीत सिंह के नेतृत्व में किसानों ने सात दिसंबर को तहसील में पहुंचकर फर्जी धान खरीद के विरोध में प्रदर्शन कर एसडीएम को ज्ञापन सौंपे थे। ज्ञापन में फर्जी खरीद शीघ्र बंद कराने और फर्जी खरीद बंद न होने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। शुक्रवार को भाकियू और अन्नदाता किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने धान खरीद केंद्रों पर फर्जी खरीद होने के विरोध में मंडी समिति गेट पर धरना देकर प्रदर्शन किया। धरना स्थल पर हुई सभा में कहा गया कि जब किसानों के पास धान था।
तब गांवों में धान खरीद केंद्र नहीं लगाए गए। अब अधिकांश किसानों के पास धान समाप्त हो चुका है। तब धान खरीद केंद्रों को गांवों में लगाया गया है। खरीद केंद्रों पर किसानों का धान न खरीद कर किसानों से औने-पौने दामों में खरीदे गए धान को चढ़ाया जा रहा है। धरना प्रदर्शन को लेकर मंडी समिति के धान खरीद केंद्रों पर बमुश्किल पांच सौ क्विंटल धान पहुंचा। जबकि खरीद केंद्रों पर रोज सात सौ क्विंटल तक खरीद दिखाई जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने गांवों में लगाए गए खरीद केंद्रों को मंडी समिति में लगवाने, मंडी समिति में सीसी कैमरों की निगरानी में खरीद कराने की मांग की।
साथ ही मंडी से जारी होने वाले गेटपास आदि पर निगरानी कराने की मांग की। इसके अलावा खरीदे गए धान का भुगतान कराने, पंजीकरण कराने पर हो रही वसूली पर रोक लगाने की मांग की। प्रदर्शनकारी किसानों ने फर्जी खरीद न रुकने और अन्य समस्याओं का समाधान न होने पर शीघ्र उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी। अन्नदाता किसान यूनियन के प्रदेश महामंत्री बलजिंदर सिंह, भाकियू चढूनी के युवा जिलाध्यक्ष सुखजीत सिंह औलख ने फर्जी खरीद बंद न होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी। प्रदर्शन करने वालों में भाकियू के जिलाध्यक्ष स्वराज सिंह, मंजीत सिंह, लालू मिश्रा, रमेश मिश्रा, दिनेश कुमार, बलजीत सिंह, बेनीराम, रामकुमार, संजय सिंह, सुखजीत सिंह, घासीराम आदि थे।