प्रतिबंध के बावजूद जंगल से निकाली जा रही लकड़ी
पीलीभीत।
जेएनएन, घुंघचाई (पीलीभीत) : प्रतिबंध के बाद भी जंगल के अंदर लकड़ी बीनने वालों का आवागमन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बाघ होने के बाद भी बेखौफ होकर पुरुष और महिलाएं लकड़ी बीनने के लिए जंगल के अंदर जा रहे हैं। वन विभाग की लापरवाही से फिर कोई घटना घट सकती है। पीलीभीत के जंगल को टाइगर रिजर्व घोषित होते ही जंगल के अंदर प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद भी जंगल के अंदर आवागमन नहीं रुक रहा है। इससे पूर्व में कई घटनाएं जंगल के अंदर हो चुकी हैं। दियोरिया रेंज के जंगल में इन दिनों जमकर जलौनी लकड़ी लाई जा रही है। जबकि घुंघचाई दियोरिया जंगल मार्ग पर आए दिन राहगीरों का वन्यजीवों से आमना सामना होता रहता है। करीब छह माह पूर्व 12 जुलाई को बाघ ने दो लोगों को अपना निवाला बना लिया था। आला अधिकारियों ने जंगल में आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया था इसके बावजूद वन कर्मियों की लापरवाही के चलते जंगल के अंदर आवागमन पर रोक नहीं लग पा रही है। इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ने के कारण लकड़ी की डिमांड बढ़ गई है। इससे लोग जंगल के अंदर जाकर जलौनी लकड़ी ला रहे हैं। दियोरिया रेंज के जंगल के अंदर करीब एक दर्जन महिलाएं लकड़ी तोड़ते नजर आई। महिलाएं उसी स्थान के कुछ दूरी पर लकड़ी तोड़ रही थी जिस स्थान पर बाघ ने दियोरिया के दो लोगों को अपना निवाला बनाया था। जंगल में बाघ की दहशत होने के बाद भी बेखौफ होकर पुरुष और महिलाएं अंदर जाकर लकड़ी ला रही हैं।
जंगल चारों तरफ से खुला है। लोग चोरी चुपके जंगल के अंदर जाकर लकड़ी ले जा रहे हैं। काफी हद तक कर्मचारियों की लापरवाही भी रहती है। लकड़ी ले जाने वालों पर अब सीधे नजर रहेगी। उनपर करवाई कराई जाएगी। बैरियर लगे कर्मचारियों से जानकारी की जा रही है।
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