मतदाताओं से निकाल रहे नेताजी नाते- रिश्ते
पीलीभीत।
कैसे हैं ताऊ, सब ठीक है। आपका बेटा चुनाव लड़ रहा है। ध्यान रखियो। आपके आशीर्वाद की जरूरत है। आप तो हमारे पिता समान हैं। यह शब्द इन दिनों जिले के हर गांवों में गूंज रहे हैं। विधान सभा का प्रत्याशी कोई पैर छूकर आशीर्वाद देने का वचन मांग रहा है, तो कोई नाते रिश्तों की डोर में मतदाताओं को बांध रहा है। बस खुद की जीत तय करने में उम्मीदवार जुटे हुए हैं। जन संपर्क के दौरान गांव की गलियों में जिंदाबाद के नारे भी गूंज रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में मतदान की तारीख ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है। वैसे ही उम्मीदवारों का चुनाव प्रचार तेज हो रहा है। गांवों की गलियों में इन दिनों नेता जी वादा करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। जो वादे किए उनको अमली जामा पहनाने का भी पूरा आश्वासन दे रहे है। वहीं कुछ उम्मीदवारों ने अपने नजदीकी समर्थकों की टोलियां बना दी है। जो पांच से छह लोग गांव-गांव जाकर नेताजी का चुनाव प्रचार करने में जुट गए हैं। वहीं कुछ उम्मीदवार सुबह सवेरे उठकर सुबह टहलने वालों से मिलना नहीं भूल रहे हैं। तो कुछ उम्मीदवार गांवों में चोरी छिपे दावतें भी चलवा रहे है। कोई सरकार की उपलब्धियोें को गिनवा रहा है, तो कोई सरकार आने पर विकास की गंगा बहाने का दावा कर रहा है। कोई बेटे के लिए वोट देने की अपील कर रहा है, तो कोई पुत्र वधू के लिए वोट मांग रहा है। जिले में चारों ओर चुनावी शोर गुल मचा हुआ है।
चुनाव प्रचार में जमकर उड़ रहीं कोविड प्रोटोकाल की धज्जियां
चुनाव प्रचार में इन दिनों उम्मीदवार इतने व्यस्त हैं कि मास्क और सामाजिक दूरी का भी ध्यान नहीं रख पा रहे हैं। बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ पहुंचकर चुनाव प्रचार में जुटे हैं, मगर महामारी की तनिक भी ख्याल नहीं है। यह आलम तब है, जो कोविड प्रोटोकाल के उल्लंघन में दो नेताओं पर रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है। इसके बाद भी चुनाव में विजयी पताका लहराने के लिए कार्रवाई का बिना डरे जुटे हुए हैं।
कोई प्रचार में तो कोई टिकट के लिए जुटा
कई राजनीति दलों ने अभी टिकटों की घोषणा नहीं की है। जबकि कई दलों ने अपने योद्धा मैदान में उतार दिए हैं। इससे कोई चुनाव प्रचार में व्यस्त है, तो कोई टिकट को लेकर पार्टी हाईकमान के पास डेरा जमाए है। उनके समर्थक लोगों से जनसंपर्क में जुुटे हुए हैं।
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