बलरामपुर

डाक्टरों की कुर्सियां रहीं खाली, इलाज के लिए भटकते रहे मरीज

सरकाररी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का सरकारी दावा पूरी तरह खोखला साबित हो रहा है। करीब 25 लाख आबादी वाले जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली सुधरने का नाम नही ले रही है। अस्पतालों में आये दिन डाक्टर गायब रहते हैं।

 

बुधवार को संयुक्त जिला चिकित्सालय में अधिकांश डाक्टरों की कुर्सियां खाली मिली। डाक्टरों के गायब रहने के कारण दूर दराज से आए मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ा। वहीं अस्पताल के सीएमएस ने ओपीडी खाली रहने के लिए डाक्टरों की वीआईपी ड्यूटी को जिम्मेदार बताया है।

बताते चले की संयुक्त जिला चिकित्सालय जिले का प्रमुख अस्पताल है। वर्ष 2013 से संचालित होने वाले इस अस्पताल में संसाधनों की कोई कमी नही है। आधुनिक मशीनो से युक्त पैथालॉजी, डिजीटल एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन, डायलिसिस मशीन एवं आक्सीजन प्लांट इस अस्पताल की सुविधाओ में शामिल है।
आधुनिक उपकरणों एवं बेहतर संसाधनो से लैस इस अस्पताल में इलाज कराने के लिए जिले के ही नही बल्कि नेपाल राष्ट्र व आसपास के जनपदो से भी तमाम मरीज आते हैं। बेहतर साज सज्जा वाले इस अस्पताल में सबसे बड़ी समस्या डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के अभाव का है। 31 स्वीकृत पदो के सापेक्ष यहां मात्र 8 स्थाई डाक्टरों की तैनाती है।
इन्हीं डाक्टरों से इमरजेंसी व ओपीडी कराई जाती है। बुधवार को इन डाक्टरों मेें से भी तमाम डाक्टर अस्पताल से गायब मिले। सुबह करीब 10 बजे बाल रोग विशेषज्ञ डा. नितिन चौधरी, हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. एनके वाजपेयी, सर्जन डा. अरुण कुमार एवं वरिष्ठ परामर्शदाता डा. एपी मिश्रा के ओपीडी में कुर्सियां खाली मिली।
अस्पताल में इलाज कराने आये संजीव, दिलबहार, आजी सुलेमान, नानमून, शिवकुमार, प्रदीप ओझा, हनुमान प्रसाद व सावित्री आदि ने बताया कि ओपीडी में डाक्टर न होने के कारण उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है। अब्दुल करीम ने बताया कि वह गौरा थाना क्षेत्र से इलाज के लिए आये हैं। पिछले एक घंटे से डाक्टर के इंतजार में बैठे हैं। अभी तक कोई डाक्टर नहीं मिला है।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button