बदल रहे मौसम को न करें नजर अंदाज, तबियत बिगड़ने पर डाक्टर से लें सलाह
बलरामपुर।
मौसम में बदलाव होते ही सर्दी-बुखार व खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। दिन में गर्मी व रात में ठंडी के चलते लोग इन बीमारियों की चपेट में आ रहे है। इन बीमारियों से बचने के लिए बदलते मौसम को नजर अंदाज न करें। तबियत बिगड़ने पर डॉक्टर सेे सलाह लेकर जांच व इलाज कराएं।
एसीएमओ डॉ. एके सिंघल ने मौसम परिवर्तन से होने वाली बीमारियों के संबंध में बताया कि बदलता मौसम बच्चे, बुजुर्ग एवं शारीरिक रूप सेे कमजोर व्यक्तियों को अधिक प्रभावित करता है।
जिनको दमा व डायबिटीज जैसी बीमारी है उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण वह जल्द ही सर्दी-जुकाम व बुखार की चपेट में आ जाते है। साधारण सर्दी-जुकाम एक तरह की एलर्जी है जो वायरस से फैलता है। वैक्टीरियल इंफेक्शन से होने वाला जुकाम ठीक होने में ज्यादा समय लगता है।
सर्दी-जुकाम के लक्षण की जानकारी देते हुए बताया कि नाक या गले से पानी निकलना जुकाम की शुरूआत है। नाक व गले से हल्के पीले रंग वाला गाढ़ा पानी निकलने पर सावधान होने की आवश्यकता है।
नाक बंद होना वायरल इंफेक्शन का लक्षण है जो इस्टीम लेने और एंटी एलर्जिक दवा खाने पर तीन से पांच दिन में ठीक हो जाता है। पांच दिन के अंदर यदि सर्दी-जुकाम, बुखार ठीक नहीं होता है तो चिकित्सक से सलाह लेेकर जांच कराने के बाद ही दवा खाना चाहिए।