बाढ़ पीड़ित सवा लाख किसानों को मदद की दरकार
बलरामपुर। बाढ़ पीड़ित सवा लाख किसानों को सरकार व प्रशासन से मदद की दरकार है। जिले के तीनों तहसीलों के 335 गांवों में कई बार बाढ़ का कहर टूटा है। राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में कई बार आई बाढ़ से किसानों की फसलें तबाह हो चुकी हैं।
कटान प्रभावित गांवों के पीड़ितों को घर के साथ परिवार का खर्च चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आपदा प्रबंधन पोर्टल पर अभी तक जिले के तीनों तहसीलों में सिर्फ 19 हजार किसानों का डाटा फीड कराया जा सका है जिसमें से सिर्फ 10,332 किसानों को फसल नुकसान का दो करोड़ 75 लाख रुपये का भुगतान किया जा सका है।
गौरतलब हो कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में कई बार बाढ़ का कहर जिले के तीनों तहसीलों के 335 गांवों पर टूटा है। राप्ती नदी के कटान व बाढ़ की तबाही से प्रभावित होने वाली फसलों के नुकसान का मुआवजा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है।
सीएम के ऐलान पर आपदा प्रबंधन की तरफ से जिले के तीनों तहसीलों सदर, तुलसीपुर व उतरौला के बाढ़ प्रभावित किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिलाने के लिए पोर्टल पर ब्यौरा फीड कराया जा रहा है। तीनों तहसीलों में अब तक बाढ़ प्रभावित 18,692 किसानों का ब्यौरा लेखपालों ने फीड करा दिया है।
सिंचित क्षेत्र के किसानों को प्रति हेक्टेयर 12,500 रुपये और असिंचति क्षेत्र के किसानों को प्रति हेक्टेयर 6,800 रुपये का मुआवजा दिया जा रहा है। तीनों तहसीलों के 10,332 किसानों को अब तक दो करोड़ 75 लाख रुपये मदद के रुप में आरटीजीएस के माध्यम से सीधे भुगतान कर दिया गया है।
नुकसान से प्रभावित कम जोत वाले किसानों को कम से कम एक-एक हजार रुपये मिलने उम्मीद है। डाटा फीडिंग कार्य किया जा रहा है। किसान बलदेव, शिव कुमार, जगदंबा, मनीष, नानबच्चा, मनीराम, भूपेंद्र व कौशल किशोर आदि ने बताया कि बाढ़ व कटान से फसलों के साथ घर भी तबाह हो गए हैं।
19 अक्तूबर से जिले में तीन दिनों तक तेज हवाओं के साथ बारिश में फसलों की भारी तबाही हुई जिसका मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। किसानों ने लेखपालों पर डाटा फीड कराने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। संवाद
बीते 19 अक्तूबर से तीन दिनों तक तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से फसलों के नुकसान का आंकलन जिले के 101 न्याय पंचायतों में गठित टीमों से कराया जा रहा है। टीमों में कृषि विभाग के कर्मी के साथ हल्का लेखपाल, रोजगार सेवक व गांव के दो-दो किसानों को शामिल किया गया है। टीम के आंकलन में 33 प्रतिशत से अधिक का नुकसान होने पर किसानों को आपदा प्रबंधन से मदद मुहैया कराई जाएगी।
