पराली जलाने वाले किसानों की बंद होगी सम्मान निधि
बलरामपुर।
खेतों में धान की पराली जलाने वाले किसानों की प्रधानमंत्री सम्मान निधि को बंद करने की चेतावनी दी गई है। साथ ही कृषि विभाग से मिलने वाली अन्य योजनाओं को बंद कर दिया जाएगा।
खेतों में पराली जलाने वालों से जुर्माना भी वसूला जाएगा। पराली जलाने से खेतों की मृदा शक्ति कमजोर होने के साथ पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। कृषि विभाग क अफसर व कर्मी लगातार गांवों में कार्यक्रम करके किसानों को खेतों में पराली न जलाने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
उप कृषि निदेशक डॉ. प्रभाकर सिंह ने मंगलवार को बताया कि जिले में किसानों की तरफ से खेतों में पराली जलाने की घटनाएं शासन के जीपीएस पर अपलोड हो रही है। शासन स्तर से लगातार खेतों में पराली जलाने वाले किसानों के कार्रवाई करने का निर्देश दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय अभिकरण ने खेतों में धान, गन्ना व अन्य फसलों के अवशेष जलाने पर दंड निर्धारित किया है। खेतों में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। पराली जलाने वाले किसानों की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि बंद कर दी जाएगी।
साथ ही कृषि विभाग के अन्य योजनाओं के लाभ से भी वंचित कर दिया जाएगा। दो एकड़ से कम भूमि वालों से 2500 रुपये, पांच एकड़ तक पांच हजार रुपये व पांच एकड़ से अधिक पर 15000 रुपये का जुर्माना किसानों से वसूला जाएगा। तहसील व ब्लॉक स्तर पर जागरुकता कार्यक्रम के साथ लेखपालों व ग्राम प्रधानों को शामिल कर व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है।
फसल अवशेष जलाने से मिट्टी, जलवायु व मानव स्वास्थ्य पर होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है। किसानों से लगातार अपील की जा रही कि खेतों में फसल अवशेष न जलाएं। फसल अवशेष का खाद बनाएं और पराली को निराश्रित पशुओं के लिए गोशाला में दान करें।
