कागजों में ही जागरूकता अभियान, नहीं सुधरे हम बता रहा चालान
यातायात नियमों के प्रति लापरवाही दुर्घटना का कारण बन रही है
बलरामपुर :
यातायात नियमों के प्रति लापरवाही दुर्घटना का कारण बन रही है लेकिन, फिर भी हम सब सुधरने का तैयार नहीं है। एक तरफ यातायात माह में लोगों को जागरूक करने का अभियान चल रहा है। स्कूलों में निबंध व पेंटिग प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ाया जा रहा है। पुलिस भी अधिक से अधिक जुर्माना लगाकर केवल कागजी कोरम पूरा कर रही है।
सामान्य दिनों में कम लाकडाउन में अधिक कार्रवाई:
अब तक हुई कार्रवाई पर गौर करें तो सर्वाधिक कार्रवाई जून व जुलाई में हुई। जब कोरोना की दूसरी लहर का लाकडाउन खुला था। इसमें जून में 5658 व जुलाई में 4490 वाहनों का चालान किया गया। मई में 4537 व अप्रैल में 4620 वाहनों का चालान किया गया। पाबंदी के दौरान सड़कों पर यदा कदा ही वाहन दिखते थे लेकिन यातायात पुलिस की कार्रवाई तेज रही। मार्च में लाकडाउन नहीं था तो फिर यातायात पुलिस भी सुस्त थी। इसलिए 2963 वाहनों का ही चालान हुआ। फरवरी में 2410, जनवरी में 2984, अगस्त में 2350, सितंबर में 1845, अक्टूबर में 1003 व नवंबर में 1538 वाहनों का चालान किया गया। ऐसे में सवाल है कि जब सड़कों पर वाहन नहीं थे तो अधिक कार्रवाई हुई और जब वाहनों की भीड़ दिखी तो यातायात पुलिस सुस्त हो गई। यातायात प्रभारी वीरेंद्र यादव का कहना है कि जब निर्देश मिलता है तब अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक हमेशा किया जाता है। पालन न करने वालों का चालान भी किया जाता है।