बलरामपुर

पीएम आगमन : समझी किसानों के मन की बात, मोदी जी ने दी सौगात

बलरामपुर।

कृषि प्रधान देश में सिचाई संसाधनों को तरस रहे किसानों की उम्मीद 50 साल बाद साकार होने जा रही है। अब तक कई सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन असिचित क्षेत्र के किसान संसाधनों को तरसते रहे। यही वजह रही कि नीति आयोग की रैंकिग में बलरामपुर पिछड़े जिलों में शुमार हो गया। हर्रैया सतघरवा, तुलसीपुर, गैंसड़ी व पचपेड़वा विकास खंड हार्ड एरिया में आते हैं।

ऐसे में फसलें लहलहाने को किसान अब तक पूरी तरह प्रकृति के सहारे थे। 1971 में शुरू हुई सरयू नहर परियोजना अब पूरी हो चुकी है। पीएम के हाथों लोकार्पण के बाद नहरों में पानी के साथ ही पिछ़ड़े क्षेत्र में विकास की धार भी तेजी से बहेगी। 50 साल बाद पूरी हुई आस।

सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का शुभारंभ 1971-72 में हुआ था। उस समय इसकी कुल लागत 78 करोड़ रुपये थी। तब से अब तक कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन किसी ने अधूरी परियोजना पूरी करने की हिम्मत नहीं जुटाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2017 में लंबे समय से अधूरी 99 परियोजनाओं की समीक्षा की। उसमें सरयू नहर परियोजना भी एक थी। इसे पूरा करने का जिम्मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिला। 2018 में नहर को पूरा करने का कार्य शुरू किया गया। 50 साल के लंबे इंतजार के बाद किसान खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। प्रधानमंत्री की सौगात से हर खेत को पानी मिलने की आस पूरी होने पर हर अन्नदाता उनके गुणगान में जुटा है। सरकार के प्रयास से माना था वन विभाग।

श्रावस्ती से निकली 125 किलोमीटर लंबी राप्ती मुख्य नहर सिद्धार्थनगर जिले के बाणगंगा नदी में मिलती है। यह सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का हिस्सा है। जिले में किलोमीटर 50 से इसकी शुरुआत होती है। यह नहर हार्ड एरिया के तहत आने वाले जिले के चार ब्लाकों हरैया सतघरवा, तुलसीपुर, गैंसड़ी व पचपेड़वा को प्रभावित करती है। तुलसीपुर के आगे जरवा मार्ग पर मदरहवा गांव के पास नहर का कार्य एनओसी न मिलने के कारण बाधित था। भारत व उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग ने नहर खोदाई की स्वीकृति दी थी। इसके बाद नहर का कार्य पूरा किया गया।

कम होगी तीन जिलों की दूरी:

राप्ती मुख्य नहर के दोनों तरफ डामर सड़क भी बनाई जाएगी। नहर किनारे से निकली सड़क की पटरी श्रावस्ती से सीधे सिद्धार्थनगर तक जाती है। इससे तीन जिलों श्रावस्ती, बलरामपुर व सिद्धार्थनगर की आपस में दूरी कम हो जाएगी।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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