भगवा रंग में रंगने को बेताब दिखी मुस्लिम अवाम
बलरामपुर।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता का जादू सभी के सिर चढ़कर बोल रहा है। इसका उदाहरण शनिवार को उनकी जनसभा में देखने को मिला। एक तरफ मोदी-मोदी व जयश्रीराम के जयकारे गूंजते रहे, तो मुस्लिम अवाम भी उनकी झलक पाने को बेताब दिखी। जिदगी के दूसरे पड़ाव पर पहुंच चुके मुस्लिम बुजुर्ग व पर्दानशीन महिलाओं का हुजूम सभास्थल पर देखने को मिला। इससे साबित हो गया कि हिदू के साथ मुस्लिम समुदाय भी प्रधानमंत्री की मुरीद है। सोच ईमानदार तो काम दमदार का ही असर रहा कि बलरामपुर के साथ पड़ोसी जनपदों से लोग भोर में ही प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने निकल पड़े। पहले मैं किसान, बाद में मुसलमान।
बहराइच जनपद के नानपारा निवासी नसीमुद्दीन ने बताया कि प्रधानमंत्री को अब तक सिर्फ टेलीविजन व समाचार पत्रों में ही देखा था। बहुत दिनों से तमन्ना थी कि उन्हें सामने से देखूं। प्रधानमंत्री ने सरयू नहर परियोजना शुरू करके हम किसानों को संजीवनी दी है। जो काम अब तक की सरकारें नहीं कर पाईं, उसे योगी जी ने कर दिखाया है। पहले मैं किसान हूं, बाद में मुसलमान।
पता नहीं फिर न मिले मौका:
उतरौला निवासी 70 वर्षीय मुहर्रम अली ने बताया कि प्रधानमंत्री को देखने के लिए सुबह नौ बजे ही यहां पहुंच गए हैं। कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री ने किसी को भूखा नहीं रहने दिया। अब उम्र भी हो चुकी है। सोचा चलकर विकासशील पुरुष मोदी जी के दर्शन कर लूं। पता नहीं फिर मौका मिले या न मिले। 72 वर्षीय यूनुस ने कहा कि जब पता चला कि 11 तारीख को प्रधानमंत्री जी आ रहे हैं, तो खुद को रोक नहीं पाए। ठीक से चला नहीं जाता, फिर भी अपने जिले में मोदी जी के कार्यक्रम में शामिल होने का मौका नहीं छोड़ सकते थे।
पर्दानशीनों का उमड़ा हुजूम :
प्रधानमंत्री का संबोधन सुनने के लिए आधी आबादी काफी उत्साहित दिखी। कैसरगंज निवासिनी अमीरुन्निशा, गोंडा की हकीकुलनिशा, श्रावस्ती की साबिरा ने एक स्वर में मोदी जी जिदाबाद के नारे लगाए। पर्दानशीनों का हुजूम दिखा।