बलरामपुर

नहर की पटरी बही, 1200 बीघे फसल जलमग्न

बलरामपुर।

पांच दिन पहले सरयू नहर परियोजना के लोकार्पण समारोह में भले ही प्रधानमंत्री ने पानी को बर्बाद होने से बचाने की बात कही हो लेकिन जिम्मेदार अफसरों का इसका कोई प्रभाव नहीं है।

सरयू नहर परियोजना शुरू होने के दो दिन बाद ही जर्जर होने के कारण कई गांव के पास सरयू नहर लिंक नहर की पटरी बह गई। पटरी बह जाने से कई गांव के किसानों की करीब 1200 बीघे सरसों, मसूर और गेहूं की फसल जलमग्न हो गई है। किसानों ने सिंचाई विभाग की लापरवाही के खिलाफ प्रदर्शन कर बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलाने की मांग की है।

किसानों का कहना है कि लिंक नहर की सफाई न किए जाने तथा जगह-जगह क्षतिग्रस्त नहर पटरी पानी छोड़े जाने से सोमवार रात बह गई जिससे सिंगाही, भभरी, कोहड़ौरा, उदईपुर, बदलपुर, शिवचरनडीह, फाजिलडीह, नबीनगर व मोहनपुर आदि गांव के पास नहर का पानी खेतों में फैल गया।
इन गांवों के किसानों की करीब 1200 बीघे सरसों, मसूर व गेहूं की फसल पानी में डूब गई है। किसान मोतीलाल, नियाज, रामफेरे वर्मा, गोपाल, बाबादीन, जलील, नादिर, सगीर, लियाकत, जगतराम व मुन्नीलाल आदि का आरोप है कि नहर विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण फसल बर्बाद हुई है।

इन लोगों ने प्रदर्शन करते हुए बर्बाद हुई फसल का मुआवजा दिलाने की मांग की है। इन लोगों का कहना है कि लागत पानी में डूब गई है। इन लोगों ने क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत भी कराए जाने की मांग की है। इस संबंध में एडीएम राम अभिलाष ने बताया कि मामले की जांच कराकर यथोचित कार्रवाई की जाएगी।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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