बलरामपुर

तीसरे इंडियन ओपननेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2021 में हर्षवर्धन मणि दीक्षित को कांस्य पदक

बलरामपुर।

1- आल इंडिया कैटिगरी F51 क्लब थ्रो में भारत में तीसरा स्थान
2- डिस्कस थ्रो में भारत में चौथा स्थान F51 कैटेगरी में
3- पैरा बोशिया गेम में एशियाई रैंकिंग में चौथा स्थान Bc4 कैटेगरी
4- राष्ट्रीय पैरा शतरंज चैंपियनशिप 2021 में भारत में तीसरा स्थान
दिनांक 19th 20 th दिसंबर 2021 बेंगलुरु में आयोजित हुए तृतीय इंडियन ओपेन नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2021 में
जिला बलरामपुर उत्तर प्रदेश के मास्टर हर्षवर्धन मणि दीक्षित ने f51 कैटेगरी में कांस्य पदक अर्जित करके एक बार पुनः उत्तर प्रदेश पैरा एथलेटिक्स गेम के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया । ज्ञात हो मास्टर हर्षवर्धन मणि दीक्षित 13 वर्ष पूर्व भारतीय सेना में जाने के लिए तैयारी में दुर्घटनाग्रस्त हो गए जिसके कारण उनकी C4-C5 हड्डी टूट गई स्पाइनल कॉर्ड इंजरी हो गयी । और वे व्हीलचेयर पे आ गये अपने माता सीता दीक्षित और पिता हिमांशु मणि दीक्षित निरंतर प्रोत्साहन और पॉजिटिव विचार से हर्षवर्धन ने अपने उत्तर प्रदेश के कोच विकास मलिक , कवीन्द्र चौधरी सर , सतनारायण एवं द्रोणाचार्य अवॉर्डी डॉक्टर सतपाल सर के पूर्ण सहयोग से यह मुकाम हासिल किया और साथ ही डिस्कस थ्रो में नेशनल रैंकिंग में चौथा स्थान प्राप्त किया ।
2022 में होने वाले वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स दुबई के लिए सिलेक्शन हो गया । इससे पहले भी मास्टर हर्षवर्धन मणि दीक्षित ने BC4 कैटेगरी में पैरा बोशिया गेम्स में कोच जसप्रीत सिंह धालीवाल के दिशा निर्देश में भारतीय टीम की कप्तानी भी संभाली और एशिया रैंकिंग में पांचवां स्थान हासिल किया । अब मास्टर हषर्वर्धन मणि दीक्षित 2022 में होने वाले एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप प्रतियोगिता के लिए जी जान से मेहनत कर रहे हैं ।
हर्षवर्धन का कहना है कि उनका सपना है कि वह वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स गेम्स में भारत के तिरंगे को लहराएंगे । राष्ट्रीय पैरा बोशिया प्रतियोगिता जो कि अप्रैल 2021 में विशाखापट्टनम में आयोजित हुई थी इस प्रतियोगिता में हर्षवर्धन ने दो स्वर्ण पदक जीत कर उत्तर प्रदेश का नाम ऊंचा किया । अभी तक पिछले तीन सालों में वो व्यक्तिगत 20 पदक प्राप्त कर चुके
हैं । अभी 2021 में हुए पैरा नेशनल चैस चैंपियनशिप में तीसरा स्थान प्राप्त किया ।
हर्षवर्धन मणि दीक्षित को केवल इसी बात का अफसोस है अभी इन उपलब्धियों की जानकारी माननीय मुख्यमंत्री जी तक नहीं पहुंच रही है । शासन प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा है । अभी तक प्रदेश सरकार से कोई मदद नहीं मिली है । बीते 13 वर्षों से दवाई आदि पर बहुत पैसा खर्च हुआ और आर्थिक स्थिति घर की कमजोर हो गई । डॉक्टर एवं दवाइयों में महीने में ₹15,000 का खर्च आता है। और खेलने के लिए हाई प्रोटीन डाइट लेना पड़ता है ।
अब सरकार से वित्तीय सहायता की उम्मीद एवं खेल के सामान के लिए उम्मीद में निरंतर आस लगाए बैठा है जिस से वह प्रदेश को पूरे देश में गौरवान्वित कर सके ।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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