नगर में कूड़े के ढेर से संक्रमण बढ़ने की आशंका
बलरामपुर।
स्वच्छ भारत अभियान को केन्द्र व प्रदेश सरकार अपनी प्राथमिकता बता रही है। सरकार की ओर से शहर से लेकर गांवों को स्वच्छ बनाकर देश की तस्वीर सवांरने का ढिढोरा पीटा जा रहा है, लेकिन इस अभियान की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों को दी गई है उसे अंजाम तक पहुंचाने में वे बेपरवाह हैं। नगर पालिका प्रशासन सफाई को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है। अधिकतर वार्डों में गंदगी का अंबार लगा है। रफीनगर व सुभाष नगर मोहल्ले के वार्डों में नियमित कचरे की उठान न होने से संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ने लगी है। शहर में सफाई व्यवस्था बेपटरी है। मोहल्ले के गली की नालियां चोक हैं, जिसके चलते नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। कचरों की नियमित उठान न होने से कचरों से उठती दुर्गन्ध से नागरिकों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। बजबजाती नालियां मच्छरों के प्रजनन में सहायक साबित हो रहे हैं। नगर में गंदगी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है, जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं। नगर वासियों ने समस्या को दूर कराने के लिए शासन, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से मांग की है।
हर्रैया सतघरवा स्थानीय विकास खंड अन्तर्गत ग्राम पंचायत कमदा गांव मे सफाई न होने से गदंगी का अंबार। स्वच्छ भारत अभियान को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार के दावे सफाई कर्मी के न आने से फेल होता दिख रहा है। विभागीय अधिकारी अपने प्राथमिकता को दिखाकर गांवों को स्वच्छ बनाकर देश की तस्वीर सवांरने संवारने की कोशिश में लगे हैं। किन्तु जिनके ऊपर इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दे रखी है वही बेपरवाह है। नियमित सफाई एवं कचरे की उठान न होने से गांव मे संक्रामक बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ने लगी है। सफाई व्यवस्था बेपटरी है। नालियां चोक हैं, जिसके चलते नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। कचरों का नियमित उठान न होने से कचरों से उठती दुर्गन्ध से नागरिकों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। बजबजाती नालियां मच्छरों के प्रजनन मे सहायक साबित हो रहे हैं। गांव मे गंदगी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है।
