अवैध व नेपाली शराब रोकने की चुनौती
बलरामपुर।
चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए शराब और मुर्गे का खूब प्रचलन है। इस बार भी चुनाव में अवैध और नेपाल की शराब का इस्तेमाल रोकना प्रशासन के लिए चुनौती है। इसके लिए पुलिस व आबकारी विभाग ने धरपकड़ तेज कर दी है। विदित हो कि जिले की करीब 80 किलोमीटर खुली सीमा नेपाल से सटी है।
इसी रास्ते से नेपाल की सस्ती सौंफी ब्रांड की शराब तस्कर जिले में लाकर बेचते हैं। पुलिस ने इस धंधे में लिप्त कई लोगों को पहले गिरफ्तार करके जेल भी भेजा है। वहीं जिले के गांवों में कच्ची शराब बनाने का धंधा भी जोरों पर है।
हर चुनाव में दावेदार मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए शराब व मुर्गे का खूब इस्तेमाल करते रहे हैं। यही नहीं इस शराब के अलावा जिले के नेपाल से सटे क्षेत्र में नेपाली शराब की ब्रांड सौंफी को भी खूब पसंद किया जाता है। यह शराब काफी सस्ती होती है। विधानसभा चुनाव में दावेदार अवैध व नेपाली शराब का इस्तेमाल न कर सके यह प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण है।
बीते दिन पुलिस व आबकारी विभाग की टीम ने रेहरा बाजार तथा जरवा थाना क्षेत्र से भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद भी की है। प्रशासन का छापामार अभियान लगातार जारी है। खुफिया एजेंसियां भी नेपाल सीमा पर पूरी तरह से सतर्क हैं। एसएसबी 9वीं तथा 50वीं वाहिनी के जवान लगातार सीमा की निगरानी भी कर रहे हैं। तस्कर नेपाल से पगडंडी रास्तो के सहारे जिले में चरस, हेरोइन व कोकीन आदि की तस्करी भी करते हैं। चुनाव में नेपाली शराब व अन्य मादक द्रव्यों के इस्तेमाल की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव में जिले की अवैध शराब के साथ-साथ नेपाली शराब व अन्य मादक द्रव्यों का इस्तेमाल प्रशासन किस तरह रोक पाएगा।
लगातार हो रही निगरानी
चुनाव में अवैध व नेपाली शराब के साथ-साथ अन्य मादक द्रव्यों के इस्तेमाल पर कड़ी नजर रखी जा रही है। नेपाल की खुली सीमा पर एसएसबी के साथ-साथ पुलिस भी सतर्क है। इस अवैध कार्य में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
