बलरामपुर

विद्यालय का गेट फांदकर अंदर गए एआरपी

बलरामपुर।

जिले के माथे पर शैक्षिक पिछड़ेपन का कलंक मिटाने को बेसिक शिक्षा विभाग नित नवीन प्रयोग करने का दम भर रहा है। वहीं भारत-नेपाल सीमा स्थित गांवों में गुरुजन स्कूल जाना पसंद नहीं करते। आलम यह है कि नौनिहाल स्कूल का बंद गेट देखकर मन मसोस कर लौट जाते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा बुधवार को कंपोजिट विद्यालय मड़नी में देखने को मिला। मजे की बात यह है कि जांच करने आए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन सर्वेश्वर शरण शुक्ल को गेट से छलांग लगाकर विद्यालय के अंदर जाना पड़ा। विद्यालय में तैनात गुरुजन की मनमानी में खंड शिक्षा अधिकारी की साठगांठ से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

शिक्षा क्षेत्र पचपेड़वा के कंपोजिट विद्यालय मड़नी में सुबह 10.30 बजे गेट का ताला बंद था। नौनिहाल विद्यालय के बाहर गुरुजी के आने का इंतजार कर रहे थे। एआरपी सर्वेश्वर शरण शुक्ल काफी देर तक बाहर शिक्षकों का इंतजार करते रहे। 11 बजे तक किसी शिक्षक के न आने पर वह छलांग लगाकर विद्यालय के अंदर दाखिल हुए। थोड़ी देर बाद पुन: गेट पर चढ़कर बाहर आ गए। एआरपी ने बताया कि हाथ में चाबी ले रखी थी। हवा में हाथ हिलाते समय उनकी चाबी गेट के अंदर चली गई थी। जिसे लाने के लिए वह अंदर गए थे। एआरपी ने बताया कि विद्यालय में प्रधानाध्यापक विद्यासागर, सहायक अध्यापक विमल, रोहित कुमार, विजय सिंह व शिक्षामित्र बालेश्वर प्रसाद की नियुक्ति है। करीब साढ़े 11 बजे शिक्षामित्र व रसोइया ने आकर विद्यालय का गेट खोला। छात्र सोनू, सुदीप, राजगीर, शिवा, प्रेमलाल व गरिमा ने बताया कि प्रतिदिन विद्यालय देर से खुलता है। एआरपी ने बताया कि बीएसए से शिकायत की जाएगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. रामचंद्र का कहना है कि जांच कराकर लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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