नवाब मलिक का परिवार 50 साल पहले ही शिफ्ट हुआ था महाराष्ट्र
बलरामपुर।
मुंबई में बीते दिनों ईडी द्वारा गिरफ्तार किए महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक मूलरूप से बलरामपुर जिले के ग्राम धुसवा के रहने वाले हैं। करीब 50 साल पहले इनका परिवार महाराष्ट्र में शिफ्ट हो गया था। गांव में इनका एक पुश्तैनी मकान तथा करीब 50 बीघे जमीन है। नवाब मलिक की गिरफ्तारी होने पर गांव वाले हैरान हैं। उनका कहना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और वह शीघ्र ही इससे बाहर निकल आएंगे।
ग्रामीण बताते हैं कि नवाब मलिक के दादा अमजद के निधन के बाद उनके पिता अपना पूरा परिवार लेकर रोजी-रोटी के सिलसिले में महाराष्ट्र चले गए थे और वहीं पर शिफ्ट हो गए। नवाब मलिक कुल छह भाई हैं। गुरुवार को गांव में उनके भाई मलिक मोहम्मद मिले। उन्होंने भाई की गिरफ्तारी के मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। गांव के लोग बताते हैं कि नवाब मलिक बेहद ही सरल व मददगार किस्म के इंसान हैं। गांव में उनका पुराना मकान व करीब 50 बीघे जमीन है। इनके सभी भाईयों का परिवार मुंबई में रहता है।
शनिवार व रविवार को वाराणसी प्रवास के बाद सोमवार को नवाब मलिक अपने पैतृक गांव आए थे। 22, 23 व 24 फरवरी को उनका कार्यक्रम सिद्घार्थनगर जिले के डुमरियागंज में लगा था। मंगलवार की सुबह उन्हें अचानक फोन आया। मुंबई में उनके यहां ईडी का छापा पड़ गया है। वह अपना स्थानीय कार्यक्रम रद्द कर मंगलवार को ही मुंबई चले गए थे। बुधवार को ईडी ने मनी लॉड्रिंग के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी की बात सुनकर गांव के लोग हैरान हैं। गांव वालों का कहना है कि वह बीच बीच गांव में आते हैं और यहां से उनका बेहद लगाव भी है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया है। शीघ्र ही वह इससे बाहर निकल आएंगे।
