बलरामपुर

शक्तिपीठ देवी पाटन मंदिर सहित सभी देवी मंदिरों में माता रानी की पूजा अर्चना की गई

बलरामपुर।

नवरात्र के अंतिम दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना के लिए रविवार को मंदिरों मे श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। आठ सिद्धियों वाली इस देवी की आराधना कर भक्तों ने सुख-शान्ति एवं समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। शक्तिपीठ देवी पाटन मंदिर सहित सभी देवी मंदिरों में माता रानी की पूजा अर्चना के साथ-साथ यज्ञ-हवन एवं कन्या भोज कराया गया। राम नवमी के दिन देवी मंदिरों में बच्चों का मुंडन व कर्णछेदन आदि संस्कार कराने के लिए भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी।

मां दुर्गा की नौ शक्ति को देवी सिद्धिदात्री के नाम से जाना जाता है। नवरात्र नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की ही पूजा का विधान है। धर्मग्रन्थों के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व एवं वशित्व यह आठों सिद्धियां देवी में समाहित मानी गई हैं। ऐसी मान्यता है कि मां सिद्घिदात्री की आराधना से भक्तों के सभी कार्य सिद्घ होते हैं और घर में सुख समृद्घि व खुशहाली आती है। मान्यता के अनुरूप नवरात्र की नवमी तिथि को शक्तिपीठ देवी पाटन मंदिर में पूरे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। शक्तिपीठ देवी पाटन में मंदिर के पीठाधीश्वर महंथ मिथलेश नाथ योगी ने यज्ञ-हवन किया।

महंत के हवन के बाद बाहर से आए श्रद्धालुओं ने यज्ञ-हवन कर मां पाटेश्वरी का दर्शन किया। श्रीयंत्र से पूजित बिजलेश्वरी देवी मंदिर में भी सुबह से लेकर देररात तक श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। भक्तों ने मां बिजलेश्वरी की पूजा अर्चना कर परिवार की खुशहाली एवं विश्व के कल्याण की कामना की। इसके अतिरिक्त सोहेलवा स्थित रहिया देवी मंदिर, पेहर बाजार स्थित दुर्गा माता मंदिर, उतरौला स्थित ज्वाला देवी मंदिर, तुलसीपुर स्थित नई देवी मंदिर एवं नगर स्थित झारखंडी मंदिर, समय माता मंदिर, कालीथान एवं बड़िकी बहिनी मंदिर में पूरे दिन भक्तों का तांता लगा रहा है। इन सभी स्थानों पर यज्ञ-हवन व देवी की पूजा के साथ बच्चों का मुंडन व कर्णछेदन संस्कार भी संपन्न हुआ। नवरात्र व्रत रखने वाले व्रतहारियों ने यज्ञ-हवन के बाद कन्या भोज कराकर नवमी के दिन व्रत का परायण किया।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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