बलरामपुर

कचरा प्रबंधन 200 राजस्व ग्रामों में शुरू होगा

बलरामपुर।

आम के साथ गुठिलयों के भी दाम। ये कहावत कचरा प्रबंधन पर भी लागू होती है। चालू वित्तीय वर्ष में जिले के 200 राजस्व ग्रामों में कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू किया जाएगा। प्रथम फेज में करीब पांच हजार आबादी वाले राजस्व ग्रामों का चयन किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ठोस व तरल कचरे को खाद बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई है। कचरा प्रबंधन से राजस्व ग्रामों के 10 लाख लोगों को गंदगी से निजात मिलेगी। ठोस व तरल पदार्थों से तैयार की जाने वाली जैविक खाद का किसान फसलों में प्रयोग कर सकेंगे। इससे पैदावार में बढ़ोत्तरी होगी।

जिले में कुल 998 आबाद राजस्व ग्राम हैं। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत प्रथम फेज में वित्तीय वर्ष 2022-23 में पांच हजार से अधिक व कम आबादी वाले 200 राजस्व ग्रामों में कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू किया जाएगा। पांच हजार से अधिक आबादी वाले 41 राजस्व ग्राम हैं, जहां 705 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से ठोस व तरल कचरा प्रबंधन पर धनराशि खर्च की जाएगी। पांच हजार से कम आबादी वाले 159 राजस्व ग्रामों में 340 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से ठोस व तरल कचरा प्रबंधन पर कार्य किया जाएगा।

चयनित सभी राजस्व ग्रामों में 30 प्रतिशत धनराशि 15वें वित्त के टाइड फंड से भी खर्च किए जाने की कार्ययोजना तैयार की गई है। गीले कचरे व गोबर को गड्ढे में रखा जाएगा जिसका प्रयोग खेतों में लगी फसलों में किया जाएगा। भूमिहीन परिवारों के कचरे का प्रबंधन करना ग्राम पंचायत का दायित्व होगा। सभी वार्डों के सीमेंट वाली टंकी में जानवरों के खाने के लिए रसोई का कचरा एकत्रित किया जाएगा। सिंगल यूज प्लास्टिक से गांवों को मुक्त बनाने के लिए परिवार स्वयं एकत्रित करके कबाड़ी को बेचेंगे।
कबाड़ी की व्यवस्था न होने पर पंचायत जिला स्तर पर भेजेगी। घर, संस्थागत व दवा की दुकानों से निकलने वाले मास्क, ग्लब्स व अनुपयोगी दवाएं नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र स्थित मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट यूनिट के साथ लिंक की जाएंगी। उपयोगकर्ता सैनेटरी उत्पाद को गड्ढा खोदकर चूने के साथ दफन करेंगे। घरों से निकलने वाले ग्रे वाटर के लिए सोक पिट बनाएंगे, जो नालियों से जोड़े जाएंगे।
सेप्टिक टैंक व ब्लैक वाटर का प्रबंधन एक मीटर गहरी ट्रेंच खोदकर किया जाएगा। विद्यालय, आवासीय विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, स्वास्थ्य केंद्र, बारात घर, सामुदायिक शौचालय व भवन संस्था में शामिल होंगे। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के जिला समन्वयक योगेश कुमार ने बताया कि प्रथम फेज में काम पूरा होने के बाद बाकी बचे राजस्व ग्रामों में भी कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू किया जाएगा। प्रथम फेज में ग्रामीण क्षेत्र की 10 लाख आबादी को गंदगी से निजात मिल सकेगी।
डीपीआरओ नीलेश प्रताप सिंह ने बताया कि जिले के चयनित 200 राजस्व ग्रामों में प्रथम फेज के कचरा प्रबंधन का कार्य शीघ्र ही शुरू हो जाएगा। पांच हजार से अधिक आबादी वाले ग्रामों में 705 रुपये और इससे कम आबादी वाले राजस्व ग्रामों में 340 रुपये प्रति व्यक्ति की दर कचरा प्रबंधन पर खर्च किया जाएगा। सभी राजस्व ग्रामों के कचरा प्रबंधन पर 30 फीसदी धनराशि 15वें वित्त के टाइड फंड से भी खर्च की जाएगी।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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