बसों की मरम्मत रकम पांच बार पंचर बनवाने का खर्च भी नहीं दे रहा निगम
बलरामपुर।
आमजन को गंतव्य तक पहुंचाने वाली बसों की खस्ता हालत पर अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही है। आसमान छूती महंगाई के दौर में जिस रोडवेज बस पर आमजन को सुरक्षित लाने ले जाने की जिम्मेदारी है, उसकी मरम्मत पर प्रति किलोमीटर तीन पैसे परिवहन निगम खर्च कर रहा है। ऐसे में बीच रास्ते में ही बसें खड़ी हो जाती है। इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है।
बसों को रोड पर निकालने से पहले निगम अपनी कार्यशाला में मरम्मत कराता है। इसके लिए उसे कुछ सामान मुख्यालय से मिलता है, लेकिन कुछ छोटे सामान भी अफसरों को मरम्मत मद से खरीदना पड़ता है। जो बसों के संचालन को देखते हुए प्रति किलोमीटर तीन से चार पैसे के हिसाब से मिलता है। यही नहीं रास्ते में टायर पंक्चर होने समेत अन्य खराबी पर भी परिचालक द्वारा किए खर्च का भुगतान भी मरम्मत मद से होता है। हैरत में डालने वाली है बसों की मरम्मत रकम, पांच बार पंचर बनवाने का खर्च भी नहीं दे रहा निगम।
फैक्ट फाइल:
बसों की कुल संख्या – 72
संचालित बस – 55
खराब बसें -17
रास्ते में खड़ी खराब बस -02
कार्यशाला में खड़ी खराब बस -15
आठ लाख किमी बस संचालन पर मिलता 25 हजार :
बसों के किमी जोड़ कर ही मरम्मत मद दिया जाता है। पिछले माह सभी बसें आठ लाख किमी चलीं थीं। इस पर मुख्यालय से 25 हजार रुपये की मरम्मत मद में मिला था। जो प्रति किमी तीन-चार पैसा पड़ता है। किसी तरह काम चलाया जाता है। गोविद सिंह, सीनियर फोरमैन