एंबुलेंस सेवा की खामियों में सुुुधार नहीं
बलरामपुर।
गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीज एवं दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से प्रत्येक माह लाखों खर्च करके एंबुलेंस का संचालन किया जा रहा है। लेकिन एंबुलेंस सेवा की खामियों में सुुुधार नहीं हो पा रहा है। जिले में आयु पूरी कर चुके 11 एंबुलेंस से मरीज ढोये जा रहे हैं। यदि एंबुलेंस रास्ते में खड़ी हो जाए तो मरीजों का जीवन संकट में पड़ सकता है। दूसरी ओर एंबुलेंस का संचालन करने वाली सेवा प्रदाता कंपनी की तरफ से आयु पूरी कर चुके सभी एंबुलेंस को जून के पहले सप्ताह तक बदलने का दावा किया जा रहा है।
गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों तथा दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके जीवन को सुरक्षित करने के लिए सरकार की ओर से एंबुलेंस सेवा हर जिले में चलाई जा रही है। एंबुलेंस सेवा का संचालन किया जा रहा है। मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर हायर सेंटरों तक पहुंचाने के लिए 108 व 102 नंबर एंबुलेंस की सहायता ली जा सकती है। जिले में 108 नंबर की 28 तथा 102 नंबर की 22 एंबुलेंस संचालित है। यह एंबुलेंस जिला अस्पतालों के अलावा सभी सीएचसी व कुछ पीएचसी पर रखी गई हैं। हर सीएचसी को कम से कम तीन एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई है। 108 नंबर की एंबुलेंस गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों व दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाती है। 102 नंबर की एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं तथा जीरों से दो वर्ष तक के बच्चों को अस्पताल लाने व अस्पताल से घर पहुंचाने का कार्य करती हैं। रेफर होने वाले मरीजों को हायर सेंटर पहुंचाने के लिए भी एंबुलेंस की सहायता ली जा सकती है।
आयु पूरी कर चुके हैं 14 एंबुलेंस
जिले में संचालित 50 एंबुलेंस में से 14 एंबुलेंस ढाई लाख किलोमीटर से अधिक दूरी तय करके अपनी आयु पूरी कर चुके हैं। आयु पूरी कर चुके तीन एंबुलेंस को बदला जा चुका है, जबकि, 11 एंबुलेंस का संचालन जारी है। एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी के जिला प्रभारी सचिन राज ने बताया कि आयु पूरी कर चुके एंबुलेंसों को बदलने की प्रक्रिया चल रही है। जून माह के पहले सप्ताह तक इस तरह के सभी एंबुलेंस बदल दिए जाएंगे।
एंबुलेंस से मरीजों को मिल रही है काफी सहूलियत
108 एवं 102 नंबर एंबुलेंस से मरीजों को काफी सहूलियत मिल रही है। जिला मेमोरियल चिकित्सालय में बेटे का इलाज कराने आए ललिया थाना क्षेत्र के ग्राम बसंतपुर निवासी बुद्धिराम ने बताया कि उनके बेटे सोनू (07) को झटके आते हैं। बुधवार की सुबह सोनू की हालत गंभीर होने पर 108 नंबर एंबुलेंस को कॉल किया गया। कॉल करने के 10 मिनट बाद ही एंबुलेंस घर पहुंच गई। एंबुलेंस से सोनू को जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।गुलरिहा हिसामपुर निवासी रिजवान ने बताया कि उनकी पत्नी मंगलवार को प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। तत्काल 102 नंबर एंबुलेंस को कॉल किया गया। 20 मिनट के अंदर एंबुलेंस घर पहुंच गई। एंबुलेंस से पत्नी को जिला महिला अस्पताल लाया गया, जहां उन्होंने बच्चे को जन्म दिया है। जच्चा और बच्चा दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं।
आयु पूरी कर चुके एंबुलेंस को बदलने का दिया निर्देश
जो एंबुलेंस ढाई लाख किलोमीटर चल चुके हैं, उन्हें केवल स्थानीय स्तर पर ही संचालित किया जा रहा है। ऐसे एंबुलेंस से केवल पांच किलोमीटर दूर अस्पतालों तक ही मरीजों को पहुंचाने का कार्य लिया जा रहा है। कंडम हो चुके इन सभी एंबुलेंस को जल्द से जल्द बदलने का निर्देश सेवा प्रदाता कंपनी को दिया गया है।
डॉ. बीपी सिंह, एसीएमओ, बलरामपुर