बन रही मस्जिद-ए-अक्शा
बलरामपुर।
उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में बलरामपुर का मुहर्रम मशहूर है। यहां बनने वाले बेहतरीन नक्काशीदार ताजिया देशभर में जाते हैं। यहां के अलम और धार्मिक रौजा को भी काफी पसंद किया जाता है। इस बार नगर में तैयार हो रही मस्जिद ए अक्शा, अजमेर शरीफ व मलेशिया की मस्जिद लोगों के आकर्षण का केंद्र होंगी।
जिले में बड़े ही अकीदत के साथ मुहर्रम मनाकर कर्बला के मैदान में सच्चाई, मानवता व इंसानियत की रक्षा करते हुए शहीद हुुए हजरत इमाम हुसैन व उनके वफादार साथियों को याद किया जाता है। रोजगार के सिलसिले में देश के कोने-कोने में रहने वाले जिले के सैकड़ों लोग मुहर्रम मनाने के लिए चांद दिखते ही घर आने लगते हैं।
नगर के कई मोहल्लों में कारीगरों द्वारा मुहर्रम के लिए ताजिया, अलम व रौजा तैयार किया जाता है। इस बार फलस्तीन की मस्जिद ए अक्शा का रौजा बना रहे कारीगर मोहम्मद सईद ने बताया कि बारिश के कारण ताजिया व रौजा बनाने में परेशानी आ रही है, मगर मुहर्रम की नौवीं तारीख तक ये बनकर तैयार हो जाएगा। इसे बलुहा मोहल्ले में कालिया मस्जिद के पास रखा जाएगा। बेहतरीन नक्काशी के कारण मस्जिद ए अक्शा का मॉडल लोगों के आकर्षण का केंद्र होगा।
उन्होंने बताया कि यहां तैयार किए गए बेहतरीन नक्काशी वाले ताजियों की मांग मुंबई, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में भी है। यहां से सैकड़ों ताजिया दूसरे प्रदेशों में भेजे जाते हैं।
इसी तरह अजमेर शरीफ का रौजा बना रहे शब्बू व मलेशिया की हिमालिया मस्जिद मुहर्रम अली उर्फ लबेदी बना रहे हैं। शब्बू ने बताया कि रौजा तैयार करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है। दोनों ही रौजा शानदार तरीके से तैयार किए जा रहे हैं। ये लोगों को आकर्षित करेंगे।
