बाराबंकी

एंबुलेंस मामले में माफिया डान विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत खारिज

बाराबंकी।

एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव ने सुनवाई के बाद माफिया डान विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता मथुरा प्रसाद वर्मा ने अपने तर्क पेश किए।

अभियोजन के अनुसार एंबुलेंस नंबर यूपी 41 एटी 7171 को 31 दिसंबर 2013 को एआरटीओ कार्यालय में डॉ. अल्का राय निवासी 56, रफी नगर बाराबंकी के पते पर पंजीकृत कराई गई थी। मऊ के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की ओर से एंबुलेंस का संचालन किया जाता था।

यह एंबुलेंस सुर्खियों में तब आई जब पंजाब में जेल में बंद रहने के दौरान विधायक मुख्तार अंसारी ने पेेशी पर जाते समय इसका उपयोग किया।
इसके बाद प्रशासन ने छानबीन की तो पता चला कि बाराबंकी आरटीओ ऑफिस में इस एंबुलेंस का पंजीकरण है। जांच में पता चला कि वाहन की पंजीकरण अवधि खत्म हो चुकी है। साथ ही पंजीकरण में लिखा पता फर्जी था।

डॉ. अल्का राय का वोटर आईडी कार्ड भी फर्जी पाया गया। इसके बाद तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह ने थाना कोतवाली नगर में धोखाधड़ी व आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इनमें से अधिकांश की जमानत कोर्ट से खारिज हो चुकी है।
मुख्तार अंसारी के वकील की ओर से कोर्ट में काफी तर्क प्रस्तुत किए गए।

यह भी कहा गया कि एंबुलेंस का पंजीकरण करीब आठ साल पहले हुआ है और मुख्तार 16 वर्षों से जेल में बंद हैं। इस दौरान भी लोकप्रिय होने के नाते वे लगातार विधायक होते आ रहे हैं। इन तमाम तर्कों को खारिज करते हुए न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव ने मुख्तार अंसारी की जमानत निरस्त कर दी।

ब्यूरो रिपोर्ट- मो. कदीर।

 

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