लापरवाही लील रही है जिदगी
यातायात नियमों की अनदेखी, खराब सड़क और संकेतकों के अभाव में हो रहे सड़क हादसे प्रतिदिन एक व्यक्ति की जान ले रहे हैं। यातायात माह, यातायात सप्ताह और सड़क सुरक्षा सप्ताह आदि जागरूकता कार्यक्रम और ताबड़तोड़ होने वाली कार्रवाई भी इन पर अंकुश नहीं लगा पा रही है।
चिन्हित ब्लैक स्पाट के बावजूद इसकी कमियों को दूर नहीं किया जा रहा है। सड़क के किनारे संकेतक भी नहीं लगाए जा सके हैं।
जिले के ब्लैक स्पाट:
जिले में 2018, 2019, 2020 में हुई सड़क दुर्घटनाओं के आधार पर ब्लैक स्पाट चिन्हित किए गए हैं। इनमें लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर सफदरगंज थाना में रसौली, बघौरा, दादरा और सफदरगंज चौराहा, रामसनेहीघाट थाना में कोटवा सड़क, कोतवाली नगर में सफेदाबाद, और रामनगर थाना में रानीबाजार शमिल हैं। प्रत्येक वर्ष जा रहीं 350 की जान जिले में प्रत्येक वर्ष होने वाले सड़क हादसों में औसतन 350 लोगों की मौत होती है। विभागीय आंकड़ों नजर डालें तो 2019 में कुल 549 हादसे हुए। इसमें 348 लोग काल के गाल में समा गए जबकि 242 लोग घायल हो गए। वहीं 2020 में 545 हादसे हुए। इसमें से 367 की मौत और 236 घायल हुए। विभाग 2021 का डाटा अभी एकत्र नहीं कर सका है।
सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही चालान करके आर्थिक दंड भी दिया जाता है। जिले में तीन प्रवर्तन अधिकारी हैँ जोकि लगातार इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।
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