नवाबगंज विधानसभा सीट पर आज तक नहीं खिल पाया है कमल
बाराबंकी।
सत्ताधारी दल इस बार भी तीन सौ से अधिक सीटों पर जीत का दावा कर रही है लेकिन जिले की छह विधानसभा सीटों में से एक नवाबगंज सीट पर एक बार भी कमल नहीं खिल सका है। इस सीट पर पिछड़ा और अल्पसंख्यक जाति के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। आजादी के बाद हुए पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में यहां दो सीटें हुआ करती थीं। नवाबगंज उत्तरी से जगत नरायन तो दक्षिणी सीट से घनश्याम दास पहली बार विधायक चुन कर आए थे।
इसके बाद 1957 में हुए चुनाव में यह सीट बाराबंकी के नाम से जानी गई। दो विधायकों ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था लेकिन इस सीट पर आज तक भाजपा का खाता नहीं खुला है। जिले की छह विधानसभा सीटों में शामिल बाराबंकी सीट आजादी के बाद नवाबगंज के नाम से जानी जाती थी। इस सीट पर उस समय दो विधायक चुने जाते थे।
यही वजह रही कि पहली बार नवाबगंज उत्तरी से जगत नरायन तो दक्षिणी से घनश्याम दास कांग्रेस के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। जगत नरायन को 13405 तो इनके विपक्षी रहे सपा के पुत्तुलाल वर्मा को 9392 मत हासिल हुए थे। जबकि घनश्याम दास को 17141 तो इन्हीं की पार्टी के कांग्रेसी नेता उमाशंकर मिश्र को 17075 वोट मिले थे। भाजपा को छोड़कर इस सीट पर वामपंथी दलों के साथ कांग्रेस, सपा और बसपा ने अब तक जीत हासिल की है।
किसने कब दर्ज की जीत
साल 1951 में जगत नरायन-कांग्रेस, 1951 में घनश्याम दास-कांग्रेस, 1957 में भगवती प्रसाद-कांग्रेस, 1962 में जमीलुर्रहमान-कांग्रेस, 1967 में ए.राम- संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, 1969 में अनंतराम जायसवाल-संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, 1974 में रामचंद्र बख्श-सीपीआई, 1977 में शमीम अंसारी-जनता पार्टी, 1980 में पार्वती देवी-जनता पार्टी, 1985 में रामचंद्र बख्श-सीपीआई, 1989 में रामचंद्र बख्श-सीपीआई, 1991 में छोटेलाल-जनता पार्टी, 1993 में छोटेलाल यादव-सपा, 1996 में संग्राम सिंह-कांग्रेस, 2002 में छोटेलाल-सपा, 2007 में संग्राम सिंह-बसपा, 2012 में धर्मराज सिंह-सपा, 2017 में धर्मराज सिंह–सपा।
धर्मराज सिंह के नाम रहा सर्वाधिक मत का रिकॉर्ड
वर्ष 2017 में सपा के धर्मराज सिंह को मिले 99453 मतों का रिकॉर्ड आजादी के बाद से अब तक कोई प्रत्याशी तोड़ नहीं पाया है। खास बात यह है कि दूसरे नंबर पर ही धर्मराज सिंह हैं जिन्होंने 2012 के चुनाव में 82 हजार 343 मत हासिल किए थे। वहीं वर्ष 1951 के चुनाव में सबसे कम 17141 वोट हासिल विजयी हुए थे।