बाराबंकी

10 छात्रों में से आठ छात्र आपने घर पहुंचे

बाराबंकी।

यूक्रेन में युद्ध के बीच फंसे 10 छात्रों में से आठ छात्र अपने घर पहुंच गए। इनके पहुंचने के बाद लाडलों को गले लगाकर माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू झलक पड़े। कई दिनों से टीवी और सीधे मोबाइल पर अपने लाडलों के घर वापसी को लेकर बेचैन परिवार उन्हें अपने पास पाकर जश्न मनाने लगे। फूलमालाओं से स्वागत किया गया तो छात्र भी अपनों से लिपट फफक कर रो पड़े। शुक्रवार को एक छात्र सुमित हंगरी बॉर्डर पहुंचा गया है। जहां भारतीय दूतावास ने अपने साथ कर लिया। वहीं एक छात्रा का पता गलत होने के कारण अभी उसकी जानकारी नहीं हो पाई है।

पटेल तिराहे पर हुआ प्रसून का स्वागत : शहर के सत्यप्रेमीनगर निवासी प्रसून शुक्ल को सरकार ने यूपी भवन से लग्जरी वाहन से घर भेजा। उसके आने की प्रतीक्षा कर रहे परिवारीजन पटेल तिराहे पर पहले ही पहुंच चुके थे। जहां बृहस्पतिवार की देर रात प्रसून के आते ही परिवारीजनों ने उसे माला पहनाकर स्वागत किया। गाड़ी से नीचे उतरा तो प्रसून अपनों को गले लगाकर फफक कर रो पड़ा। प्रसून बोला, यूक्रेन के हालात देखकर अपनों से मिल पाने की उम्मीद टूट रही थी। मगर, भारत सरकार के प्रयासों ने बिना खर्च के ही घर तक पहुंचाकर जो कार्य किया है। उसका उपकार कभी भूलाया नहीं जा सकता।

एयरपोर्ट से परिवारीजनों ने प्रखर को किया रिसीव : एकता नगर कॉलोनी निवासी प्रखर सिंह भी शुक्रवार को फ्लाइट से लखनऊ पहुंचा। जिसको पिता विपिन सिंह बैसवार, शिक्षिका मां व चिकित्सक मौसी ने एयरपोर्ट पर रिसीव किया। अपनों को देखते ही दौड़कर प्रखर मां के गले लग गया। यह देख सभी की आंखें नम हो गईं। उसने बताया कि एक सप्ताह उसके जीवन में सबसे भारी रहे। मगर, इंडियन एंबेसी से सम्पर्क के बाद उसकी मुश्किलें कम हुई। सरकार ने खाने से लेकर घर तक पहुंचाने में आए खर्च को भी स्वयं उठाया।
मोदी सरकार ने बेटे की वतन वापसी करा किया एहसान : नगर कोतवाली के कानूनगोयान मोहल्ला निवासी छात्र अंश खरे भी शुक्रवार को करीब तीन बजे घर पहुंचा। उसने बताया कि रोमानिया बॉर्डर पर इंडियन एंबेसी से मिलने के बाद उसकी राह आसान हो गई। वहां से घर पहुंचाने तक सरकार ने पग-पग पर मदद की। दिल्ली तक फ्लाइट से लाने के बाद लग्जरी वाहन से घर तक पहुंचाया। जहां उसे देख मां रोने लगी। अंश ने मां का ढांढस बंधाते हुए कहा कि मां अब तो मैं आ गया। मां बोली हां बेटा, मोदी सरकार ने यूक्रेन में फंसे बेटे की वतन वापसी कराकर बड़ा एहसान किया।
प्रज्ज्वल के घर बने पकवान : शहर के देवा रोड व हैदरगढ़ तहसील के मनिका भवानीपुर निवासी प्रज्ज्वल भी शुक्रवार को अपने गांव पहुंचा। पिता राजकिशोर ने बताया कि बेटे को दोपहर में लखनऊ एयरपोर्ट से रिसीव किया। उसके घर में सुबह से ही बेटे के आने की खुशी में उसकी मां ने पकवान बनाए थे। एयरपोर्ट पर बेटा मिला तो उसे गले लगा लिया। उसने कहा कि पापा आज आपका बेटा आपके पास है तो इसके लिए मोदी जी को धन्यवाद बोलो। बॉर्डर तक आने में मुसीबत हुई। फिर सरकार ने लखनऊ तक भेजने व खाना-पानी तक का इंतजाम किया।
बेटा लौटा तो सभी ने अदा की जुमे की नमाज : रामसनेहीघाट तहसील के खजूरी चिर्रा गांव निवासी मुईद अहमद भी शुक्रवार की भोर अपने घर पहुंच गया। उसके पिता सईद अहमद ने बताया कि सरकार की मदद से उसका बेटा सुरक्षित घर आ गया है। उसे घर तक भेजने व खाने का इंतजाम केंद्र सरकार ने किया। बेटे के लौटने की खुशी में सभी ने साथ मिलकर जुमे की नवाज अदा की।

अनस के घर दिखा जश्न सा माहौल : लखनऊ में नाना के घर रुका अनस भी शुक्रवार को सूरतगंज स्थित अपने घर पहुंच गया। उसके पहुंचते ही घर में जश्न सा माहौल था। रिश्तेदार व ग्रामीण भी इकट्ठा थे। जहां पर उसका स्वागत करने के बाद बाबा जहीर व पिता शकील ने सभी का मुंह मीठा कराया। बाबा तो यूक्रेन में फंसे छात्रों को वतन वापसी कराने में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ हर किसी से करते रहे।
सुमित को फ्लाइट का इंतजार : शहर के ही दीनदयाल नगर निवासी छात्र सुमित के भाई संतोष ने बताया कि रात में सुमित से बात हुई तो उसने बताया कि वह हंगरी बॉर्डर पर करने के बाद इंडियन एंबेसी से सम्पर्क कर रहा है। उसे फ्लाइट का इंतजार है। वहीं त्रिवेदीगंज ब्लॉक के जलालपुर गांव निवासी आनंद प्रताप बृहस्पतिवार को ही दिल्ली पहुंचकर अपने मामा के घर रुका है। जबकि जैदपुर के चिकना महल निवासी अहसान तो करीब 10 दिन पहले ही आ चुका है।
वंशिता का नहीं चला पता : वहीं राहत आयुक्त द्वारा उपलब्ध कराई गई सूची में शहर के बेगमगंज निवासी छात्रा वंशिता अग्रवाल का पता सही न होने के कारण सत्यापन नहीं हो सका। इसके संबंध में तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट राहत आयुक्त को भेज दी है। यूक्रेन से वापस लौटे छात्रों से छह मार्च को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ मिलेंगे। इसको लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है।

ब्यूरो रिपोर्ट- मो. कदीर।

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