मुंबई

अपग्रैड ने सरकारी नौकरियों के लिए भारत का सबसे बड़ा टेस्ट-प्रेप प्लेटफॉर्म बनाने के लिए एक्जामपुर का अधिग्रहण किया

मुंबई।

भारत के हर कोने में अपनी पहुंच बनाने की अपनी प्रतिबद्धता से उत्साहित, एशिया के उच्च शिक्षा क्षेत्र की एडटेक कंपनी अपग्रैड ने एक्जामपुर के 100% विलय की घोषणा की है।

एक्जामपुर सरकारी नौकरियों के लिए भारत के सबसे बड़े टेस्ट-प्रेप प्रदाताओं में से एक है। यह अधिग्रहण
अघोषित राशि में किया गया है। एक्जामपुर चालू वित्त वर्ष में 70 करोड़ रुपये की कमाई करने की उम्मीद
कर रहा है ।
विवेक कुमार और वरदान गांधी द्वारा 2018 में सह-स्थापित, नोएडा स्थित इस लर्निंग प्लेटफॉर्म का
उपयोगकर्ता आधार 10 मिलियन से अधिक छात्रों का है और सरकारी नौकरियों के लिए यह 200 से
अधिक टेस्ट-प्रेप पाठ्यक्रम प्रदान करता है। और इसके लिए अधिकांश सामग्री 27+ यूट्यूब चैनलों के
माध्यम से वितरित की जाती है। इनमें यूपीएससी, एसएससी, रक्षा, बैंकिंग, शिक्षण और अन्य राज्य स्तरीय
सरकारी नौकरियों की तैयारी शामिल है।
कुल मिलाकर, एक्जामपुर में 2.5 मिलियन (25 लाख) छात्रों की औसत व्‍यूअरशिप के साथ 12 मिलियन
(एक करोड़ 20 लाख) से अधिक की बढ़ती ग्राहक संख्या है और नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में
हिंदी भाषी बाजारों में अग्रणी है। एक्जामपुर के शुल्क देने वाले 90% उपयोगकर्ता दूसरे, तीसरे और चौथे
स्तर के बाजारों से हैं।
अपग्रैड के प्रेसिडेंट, कॉरपोरेट डेवलपमेंट गौरव कुमार ने कहा, "हमने अपने शिक्षार्थियों के लिए एक
एकीकृत शिक्षण पोर्टफोलियो बनाया है और उस मैट्रिक्स के भीतर, हम परीक्षा की तैयारी को एक ऐसी
संभावना के रूप में देखते हैं जिससे काफी उम्मीद की जा सकती है। मुझे अहसास है कि यह एक ग्राहक
बनाने की ऊंची लागत (कस्टमर एक्वीजिशन कॉस्ट या सीएसी) के साथ आता है। हालांकि, परिणाम के
मामले में यह अच्छा लाभ भी देता है। इसलिए, हम इस क्षेत्र में एक ऐसा भागीदार चाहते थे जिसके
डीएनए का सेट सही हो और एक्जामपुर हमारे जीवनभर सीखने की पहेली में सहजता से फिट बैठता है।
विवेक और वरदान दोनों केवल सामग्री पुस्तकालय प्रदान करने के बजाय एनैबलर्स बनने के एक बेहद स्पष्ट
परिभाषित लक्ष्य के साथ आए हैं और मुझे विश्वास है कि इसके चैनल के माध्यम से 200+ शिक्षकों के साथ
उनकी दिन-प्रतिदिन की लाइव डिलीवरी क्षमताएं भारत भर में युवाओं की एक बड़ी संख्‍या के लिए
स्थानीय भाषा में सीखने को फिर से परिभाषित करने के लिए तैयार हैं। ”
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए, विवेक और वरदान, को-फाउंडर एक्जामपुर, ने एक साझा बयान में
कहा, "इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि भारत में शिक्षित उम्मीदवारों की संख्या तेजी से बढ़
रही है, फिर भी वे बेरोजगार हैं। महामारी से संबंधित बाधाओं, भू-राजनीतिक स्थितियों और बढ़ती
महंगाई ने भी इसमें अपना सहयोग दिया है जो देश के भीतर रोजगार की लचीलता को नकारात्मक रूप से
प्रभावित कर रहे हैं। इसलिए, हम चाहते हैं कि हमारे शिक्षार्थी इस तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं को क्रैक
करने की कुंजी को समझने के लिए अतिरिक्त मील चल सकें और यहीं पर हमने अपनी डिजिटल उपस्थिति
के माध्यम से एक हाइब्रिड लर्निंग मॉडल बनाया है। हम अपग्रेड के माध्यम से मजबूत नेतृत्व समर्थन पाकर
खुश हैं, जिन्होंने पहले से ही एक ऐसा व्यवसाय बनाया है जो अपने साथियों से आगे निकलने के लिए तैयार
है और आने वाले समय में हमारे विकास को गति देगा। हम एक्जामपुर को एक घरेलू नाम बनाने के लिए
तत्पर हैं और अपग्रेड के साथ हमें उम्मीद है कि यह वास्तव में तेजी से वहां पहुंचने वाला है।

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