राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन रॉयल कैफ़े में किया गया
लखनऊ।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की एक प्रेस वार्ता रॉयल कैफे हजरतगंज लखनऊ में हुई। प्रेस वार्ता का आयोजन संयुक्त परिषद की कार्यवाहक महामंत्री रेनू मिश्रा ने किया था ।
संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों एवं मीडिया के मीडिया को संबोधित करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने अवगत कराया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की मांगों के संबंध में उनके नेतृत्व में 10 जुलाई को मुख्यमंत्री जी से परिषद के प्रतिनिधि मंडल की वार्ता हुई थी। उस समय मुख्यमंत्री जी ने कर्मचारियों की मांगों पर सहमति व्यक्त करते हुए शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया था ।धीरे धीरे कर्मचारियों की कई महत्वपूर्ण मांगों पर निर्णय हो गया है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री जी को उनका वादा याद दिलाने के लिए 24 दिसंबर को लखनऊ में सरोजनी नायडू पार्क में धरना प्रदर्शन कर विधानसभा कूच का कार्यक्रम भी किया था ।उसके बाद राज्य कर्मचारियों के लिए जुलाई से तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता, आशा बहुओं का मानदेय दोगुना किया जाना ,उनके लिए ₹500 प्रति माह कोविड भत्ता दिया जाना, विभाग की स्मार्ट वर्किंग से जोड़ने के लिए प्रथम चरण में 80000 आशाओं को स्मार्टफोन वितरण किया जाना, आंगनवाड़ी ,रसोईया एवं बेसिक शिक्षा परिषद के अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाया जाना ,रसोईया के लिए साल में दो साड़ी दिया जाना, एप्रन, कैप के लिए उनके खाते में सीधा भुगतान किया जाना, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए समय से मजदूरी का भुगतान किया जाना ,उनको सेवा से नहीं निकाले जाने से संबंधित आदेश किया जाना ,पेंशनर्स के लिए ऑनलाइन व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए पेंशनर्स की समस्या का समाधान कराया जाना, जीवित सर्टिफिकेट की व्यवस्था घर पर कराया जाना, कर्मचारियों को कैशलेस इलाज सुविधा दिया जाना, सहित कई मांगों पर आदेश जारी हो चुका है। निर्गत किए गए आदेशों के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने ने अवगत कराया है कि अभी भी महंगाई भत्ते के 18 महीने के एरियर का भुगतान, मुख्य सचिव समिति के माध्यम से चकबंदी अधिकारी संवर्ग, खाद्य रसद निरीक्षक विभाग के विपणन संवर्ग, लैब टेक्नीशियन, फाइलेरिया निरीक्षक, आशुलिपिक, सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों पर निर्णय कराया जाना, एनपीएस में केंद्र सरकार द्वारा किए गए संशोधनों को लागू कराया जाना, एसीपी की विसंगतियां दूर किया जाना, समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत कार्यरत आश्रम पद्धति विद्यालय के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाना, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नियमावली बनाकर उनकी सेवा एवं वेतन का संरक्षण किया जाना, संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाना ,पूर्व में 2001 तक नियमित कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिया जाना, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभों के अंतर्गत नकदीकरण की सुविधा दिया जाना, योग्य कर्मचारियों की पदोन्नति शिक्षक के पद पर किया जाना, रिक्त पदों को भरा जाना , नगरीय परिवहन संविदा के कर्मचारियों को समान मानदेय दिया जाना ,उनका समायोजन किया जाना, उनकी सेवाओं का संरक्षण किया जाना सहित कुछ अन्य मांगों पर निर्णय नहीं हो सके हैं।
लंबित मांगों पर कार्यवाही के लिए संयुक्त परिषद ने प्रदेश के मुख्य सचिव से सोमवार को मुलाकात कर ज्ञापन देने का निर्णय लिया है। 24 दिसंबर 2021 के धरना प्रदर्शन में संयुक्त परिषद ने लंबित मांगों पर कार्यवाही के लिए 15 जनवरी तक का समय दिया था, जिसमें से 50% से अधिक मांगे तो पूरी हो चुकी है लेकिन शेष मांगों पर यदि सरकार 15 जनवरी से पहले निर्णय नहीं कर देती है तो 15 जनवरी के बाद समय सामायिक आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।
आज की प्रेस वार्ता में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी के अलावा कार्यवाहक महामंत्री रेनू मिश्रा, फूड एंड सिविल सप्लाईज इंस्पेक्टर्स ऑफीसर्स एसोसिएशन की वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीति पांडे ,उपाध्यक्ष अर्पणा अवस्थी, माध्यमिक शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के संयोजक ओमप्रकाश पांडे ,राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद नगरीय परिवहन इकाई शाखा के अध्यक्ष महेंद्र सिंह, महामंत्री गोविंद कुमार, आशा हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष कुसुम लता यादव , फाइलेरिया निरीक्षक संघ के महामंत्री नितिन, आश्रम पद्धति विद्यालय समाज कल्याण विभाग की अरुणा शुक्ला सहित संयुक्त परिषद से जुड़े संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।