लखनऊ

2 साल बाद लखनऊ मे फिर गूंजेगी नक्कारे की आवाज़

लखनऊ।

नगर की रंग संस्था ” विविध सेवा संस्थान” ने, भारतेंदु नाट्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में देश के सुप्रसिद्ध लेखक एवं निर्देशक
श्री आतमजीत सिंह को नौटंकी विधा के विकास में योगदान के लिये सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
श्री आतमजीत सिंह विगत चालीस वर्षों से आधुनिक रंगमंच पर नौटंकी को स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयोग कर रहे हैं। उनके द्वारा निर्देशित”आला अफसर “, “लैला-मजनूं”, “भांड चरित्रम”, ” मुंशी गंज गोलीकांड”आदि नौटंकी प्रस्तुतियां आज देश भर में मंचित की जा रही हैं। विशेष बात यह है कि
श्री आतमजीत सिंह नौटंकी को एक परिष्कृत रुप में वापस देश के छोटे छोटे नगरों में ले जा रहे हैं ताकि इसके विकास के साथ इसकी व्यापकता को विस्तार मिल सके।

नौटंकी को आधुनिक रंगमंच पर स्थापित करने के प्रयास के रुप में, दिनांक 28-2-2022 को शाम 6:45 बजे भारतेंदु नाट्य अकादमी के सहयोग से विविध सेवा संस्थान श्री आतमजीत सिंह द्वारा लिखित नौटंकी ” ये कैसा इंसाफ” के मंचन के साथ ही उनके द्वारा लिखित नाट्य गीतों की प्रस्तुति भी करेगी। इस कार्यक्रम के निर्देशक श्री सरबजीत सिंह ने बताया कि नाट्य गीतों का लेखन एवं उनकी धुनें बनाना भी एक अलग विधा है जो आम गीतों से हट कर है। यह गीत अत्यंत भावपूर्ण, रोचक होने के साथ ही नाटक की कहानी को प्रभावी रूप से संप्रेषित करते हैं।
श्री आतमजीत सिंह ने नाट्य गीतों पर बहुत काम किया है जिसे जनता के समक्ष रखने का प्रयास हम कर रहे हैं।
श्री सुजीत सिंह ने बताया कि
सिनेमा एवं टेलीविजन में आई कार्यक्रमों की बाढ़ के चलते आज लखनऊ रंगमंच सत्तर एवं अस्सी के दशक के स्तर एवं विविधता को खोता जा रहा है।
विविध सेवा संस्थान इसे पुनर्स्थापित करने का प्रयास करेगा।
इस नौटंकी प्रस्तुति का निर्देशन सरबजीत सिंह व सुजीत सिंह ने किया है।

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