मिल्ली फाउण्डेशन ने किया साम्प्रदायिक सौहार्द पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन
इस अवसर पर लखनऊ की कई हस्तियों को साम्प्रदायिक सौहार्द अवार्ड से किया गया सम्मानित
लखनऊ।
मशहूर संस्था मिल्ली फाउण्डेशन के तत्वाधान में वर्तमान परिपेक्ष्य में साम्प्रदायिक सौहार्द विषय पर एक विचार गोष्ठी एवं साम्प्रदायिक सौहार्द अवार्ड समारोह का आयोजन कैफी आजमी एकेडमी हाल निशातगंज, लखनऊ में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विकास आचार्य मैसी संस्थापक भारतीय मसीह समाज थे, अध्यक्षता अवध बार एसोसिऐशन, लखनऊ के अध्यक्ष आर0के0 चौधरी ने की।कार्यक्रम के संयोजक मिल्ली फाउण्डेशन के अध्यक्ष सलाहउद्दीन (शीबू) एडवोकेट थे।कार्यक्रम का संचालन आमिर मुख्तार हुदा ने किया।
विशेष अतिथि के तौर पर सरदार परविन्दर सिंह, सी0एल0 दीक्षित एडवोकेट, मो0 आफताब सिद्दीकी, अमान अब्बास, हसीब खान, डाॅ0 शाकिर हाशमी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के संयोजक सलाहउद्दीन (शीबू) एडवोकेट ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि पूरी दुनिया की नजर में भारत अपने साम्प्रदायिक सौहार्द की वजह से प्रसिद्ध है। साम्प्रदायिक सौहार्द भारत के लोकतंत्र की आत्मा है। बिना साम्प्रदायिक सौहार्द के एक शक्तिशाली लोकतंत्र की कल्पना नहीं की जा सकती। भारत एक ऐसा देश है जहां सदियों से तमाम धर्मों, संस्कृतियों, सभ्यताओं, परम्पराओं को मानने वाले मिलजुलकर एकसाथ रहते चले आये हैं। आजादी की लड़ाई हो या करोना से लड़ाई, सभी भारत वासियों ने मिलकर बिना किसी भेदभाव के लड़ी है। यह सही है कि वर्षों पहले अपनी-अपनी धार्मिक आस्थाओं एवं नियमों के चलते लोग एक दूसरे की थाली में खाना नहीं खाते थे, लेकिन हर त्योहार में दिल खोलकर गले मिलते थे। एक दूसरे के दुःख, दर्द, खुशी में शरीक होते थे। उनके दिलों में एक दूसरे के धर्म के प्रति कोई नफरत या भेदभाव नहीं था। आज कुछ लोग अपने राजनैतिक लाभ के लिये एक-दूसरे धर्मो के साथ एक थाली में खाते तो हैं, लेकिन भीड़ में एक-दूसरे के साथ कसाई की तरह व्यवहार करते हैं। हमें इस नफरत को मिटाना होगा। कुछ सामप्रदायिक ताकतें विदेशी ताकतों के इशारे पर अक्सर इस देश की फिजा को खराब करने का प्रयास करती रही हैं, लेकिन यह लोग मुट्ठी भर हैं। हमें जागरूक रहना है और आपस में मिलकर ऐसी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देना है। हम किसी भी कीमत पर भारत का साम्प्रदायिक सद्भाव नहीं बिगड़ने देंगे और हर हालत में भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेंगे।
पिछले कुछ समय से देश के लोगों का पुलिस प्रशासन एवं कानून व्यवस्था पर भरोसा कम हुआ है। चूंकि यह संस्थायें भी दबाव महसूस कर रही हैं। भारत की स्ववित्त पोषित संस्थाओं को भी अपनी कार्यशैली से लोगों में विश्वास एवं भरोसा मजबूती से कायम करना होगा, ताकि भारत का साम्प्रदायिक सौहार्द बना रहे और भारत को विश्वगुरु बनाया जा सके। ”उनका जो फर्ज है वह अहले सियासत जाने मेरा पैगाम मोहब्बत है, जहां तक पहुंचे।
मुख्य अतिथि आचार्य विकास मैसी ने कहा कि हमें खुदा से इमानदारी के साथ जुड़ना होगा और सच्चे मन से विश्वास करना होगा तभी समाज में खुदा शान्ति और सम्पन्नता देगा। सम्पूर्ण सृष्टी का निर्माता वही है और जब तक वह नहीं चाहेगा तब तक हम कुछ नहीं कर सकते। हमें मिलजुलकर उस खुदा से देश की शान्ति बहाली के लिए दुआ करनी होगी।
अध्यक्षता कर रहे आर0के0 चैधरी ने कहा कि समाज में फैली वैयमनस्ता के खिलाफ हमें मिलजुलकर लड़ना होगा और साम्प्रदायिक शक्तियों को बेनकाब करना होगा।
अमन अब्बास ने कहा कि सभी धर्म गुरुओं को चाहिए कि वह अपने-अपने इलाकों के लोगों के साथ मिल बैठकर आपस में सामंजस्य कायम करें और सामाजिक सद्भाव के लिए मिलकर प्रयास करें, क्योंकि जब तक अच्छे लोग न्यूट्रल रहेंगे और बुराइयों का विरोध नहीं करेंगे तब तक आपसी भाईचारा सम्भव नहीं।
सरदार परविन्दर सिंह ने कहा कि जो लोग धर्म के नाम पर बच्चों के हाथों में कलम, किताब की जगह हथियार और पत्थर सौंप रहे हैं वह उनका भविष्य बर्बाद करने के साथ-साथ देश का भविष्य भी बर्बाद कर रहे हैं।
डाॅ0 शाकिर हाशमी ने कहा कि हमें हर हाल में अदालतों पर भरोसा करना होगा और हिंसा का रास्ता छोड़ना होगा, क्योंकि हिंसा किसी भी मसले का हल नहीं। हमें अपने मसायल को हल करने के लिए कानून का सहारा लेना होगा।
मो0 हसीब खान ने कहा कि लोगों में आज डर और दहशत का माहौल है। हमें मोहब्बत के जरिये इस माहौल को समाप्त करना होगा।
सेमिनार समापन के पश्चात वरिष्ठ मुख्स सम्पादक आग अकबर अली इण्डिया न्यूज के हेड डाॅ0 चन्द्रसेन वर्मा, मशहूर शायर सरदार चरन सिंह बशर, आर0पी0 बेखुद, सर्वेश अस्थाना, नयन राजसिंह राठौर एडवोकेट, डाॅ0 सुरेश बाबू, मोसेस परमार, पाॅल सैमसन राॅबिनसन, नरगिस, नाजिया सिद्दीकी, समी आगाई, डाॅ0 फरीद खान, मुरलीधर आहूजा, वामिक खान, सै0 अतीक शाह, अब्दुल वहीद, ख्वाजा बज्मी, यूनुस, इमरान कुरैशी आदि को कम्यूनल हारमोनी अवार्ड से नवाजा गया।
कार्यक्रम के अन्त में अनवर आलम एवं मो0 अरशद सफीपुरी ने सभी का शुक्रिया अदा किया।