बलरामपुर

निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा की राह हुई नहीं आसान

अलाभित समूह व दुर्बल वर्ग के बच्चों को नगर निकायों के निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दिलाने की मंशा मनमानी की भेंट चढ़ गई है। कक्षा एक व पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में कमजोर वर्ग के बच्चों को दाखिला दिलाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। तीन चरणों में विभिन्न निजी विद्यालयों में 84 बच्चों के नामांकन का दावा अफसर कर रहे हैं। जबकि हकीकत यह है कि अधिकांश कान्वेंट स्कूलों ने अफसरों से साठगांठ कर अपना नाम सूची से बाहर करा लिया। बच्चों को अपने निवास प्रमाण पत्र में अंकित पते से एक किलोमीटर की परिधि में स्कूल आवंटित करना था। फिर भी बच्चों को लाभ दिलाने में अफसरों ने संजीदगी नहीं दिखाई। इससे अधिकांश बच्चे अपने निकटतम कान्वेंट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा पाने से वंचित रह गए। ऐसे होना थाना दाखिला।

अलाभित समूह के अंतर्गत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, एचआइवी व कैंसर पीड़ित माता-पिता का बच्चा, निराश्रित बेघर, निश्शक्त व दुर्बल वर्ग के बालक-बालिकाओं को प्रवेश मिलना था। पहले चरण में जिले भर में 10, दूसरे चरण में 16 व तीसरे चरण में 58 बच्चों का प्रवेश कराया गया। नगर पालिका बलरामपुर के 25 वार्डों में 150 से अधिक कान्वेंट स्कूल संचालित हैं। तीनों चरणों में नगर के एकमात्र सेंट जेवियर्स सीनियर सेकेंड्री स्कूल में दो बच्चों का प्रवेश कराया गया। वजह, अन्य अंग्रेजी माध्यम स्कूलों ने साठगांठ कर अपने स्कूल का नाम ही पोर्टल में अपलोड सूची से हटवा लिया। इससे कई वार्डों के पात्र नन्हे-मुन्नों को मुफ्त शिक्षा का लाभ नहीं मिल सका। अछूते रहे यह मुहल्ले :

-अलाभित समूह के तहत बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, दिव्यांग प्रमाण पत्र व आय प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य था। साथ ही जिस विद्यालय में प्रवेश चाहिए, उसकी दूरी निवास प्रमाण पत्र में अंकित पते से एक किलोमीटर की परिधि में होनी चाहिए। नगर के सिविल लाइन, पहलवारा, तुलसीपार्क, नई बस्ती, मेजर चौराहा, सिटी पैलेस, धुसाह समेत तुलसीपुर मार्ग पर स्थित कान्वेंट स्कूलों में बच्चों का दाखिला नहीं कराया। आवेदन के अनुरूप हुआ प्रवेश :

-बीएसए डा. रामचंद्र ने बताया कि जो भी आनलाइन व आफलाइन आवेदन मिले थे, उन्हीं के अनुरूप लाटरी पद्धति से प्रवेश दिया गया है। सभी नगर निकायों में उपलब्ध स्कूलों में पात्र बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिल रही है।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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