बलरामपुर

शहर से दूर बने नगरीय स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के जाने के लिए रास्ता भी नहीं

बलरामपुर।

यूं तो नगर मुख्यालय की स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों के लिए आईना बनती हैं, लेकिन यहां उल्टा हो रहा है। शहर मुख्यालय का अस्पताल ही बीमार है। हालत यह है कि दो डाक्टरों की ओपीडी में 20 मरीज भी नहीं आ रहे हैं। इनमें आधे केवल बीपी व शुगर चेक कराने आते हैं। यही हाल प्रसव का भी है, जहां यदा-कदा ही किलकारी गूंजती है। एक दौर था कि नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सबसे अधिक मरीज आते थे, लेकिन भवन का स्थानांतरण के बाद से ही यहां मरीजों का आना जाना कम हो गया। शहर के बाहर आबादी से हटकर खलवा मुहल्ले में स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का आलम यह है कि यहां न तो डाक्टर आना चाहता है और न ही मरीज। पूरा दिन बीत जाता है तो भी 20 मरीजों की संख्या नहीं पूरी हो पाती है। इनमें भी आधे से अधिक मरीज केवल ब्लड प्रेशर व शुगर चेक कराने आते हैं। यहां तैनात चिकित्साधिकारी डा.अखंड प्रताप सिंह, महिला चिकित्साधिकारी डा.नुजहत पूरा दिन एक-एक मरीज की राह देखती रहती है, लेकिन अंत में उन्हें निराश होना पड़ता है। यही हाल प्रसव समेत सेवाओं का भी है जहां स्टाफ नर्स, एएनएम, फार्मासिस्ट समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी दिन भर बेकार में बैठे रहते हैं। खलवा मुहल्ले के अंतिम पड़ाव पर स्थित इस अस्पताल में चिकित्सकों व कर्मियों को आवागमन में भी दिक्कत होती है। साथ ही चाय नाश्ता नहीं मिल पाता है। सबसे खराब स्थिति यहां आने वाली प्रसूताओं को होती है, जिनके परिवारजन को चाय, नाश्ता व जूस लाने के लिए दो किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नोडल अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा.एके सिघल ने बताया कि अस्पताल का स्थान सही न होने के कारण यहां मरीज नहीं आ रहे हैं। शीघ्र ही यह अस्पताल कहीं अलग स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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