बलरामपुर

सात साल से बिजली का खंभा निहार रहे ग्रामीण

बलरामपुर ।

दीन दयाल उपाध्याय और सौभाग्य योजनाएं आई और कागज पर गांवों का विद्युतीकरण कर बजट खर्च कर दिया गया, लेकिन आज भी कई गांव अंधेरे में हैं। तुलसीपुर ब्लाक के सहबिनिया गांव में सात साल से सिर्फ खंभा लगा है।

तार और ट्रांसफार्मर अब तक नहीं लगा। ग्रामीणों को रोशनी का इंतजार है। अधिकारियों को गांव रोशन होने की जानकारी नहीं है।  दयाल उपाध्याय योजना से छूटे गांवों को सौभाग्य के तहत चयनित किया गया। हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए अभियान चलाया गया। इसके तहत जिले के विभिन्न गांवों में एक लाख आठ हजार कनेक्शन देने का दावा किया जा रहा है।

इसके बाद भी सहबिनिया गांव रोशन नहीं हो सका। गांव के शब्बीर, सलीम, पप्पू, इशहाक ने बताया कि सात साल पहले गांव में खंभा लगा कर कार्यदायी संस्था चली गई। इसके बाद से बिजली विभाग के लोग गांव तक देखने नहीं है।

तार और ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए कई बार विभागीय अधिकारियों को मांग पत्र दिया गया। विधायक कैलाश नाथ शुक्ल से भी मुलाकात कर बिजली विभाग के अधिकारियों की उदासीनता बताई। सिर्फ आश्वासन ही मिला। गांव के लोग आज भी अंधेरे में रहने को मजबूर हैं जबकि आसपास के गांवों में बिजली है।

अधीक्षण अभियंता एसके चौधरी ने बताया कि ग्रामीणों का प्रार्थना पत्र वाट्सएप कर दें। विद्युतीकरण अधूरा क्यों है, इसे दिखवाते हैं, के ऊपर से निकली हाईटेंशन लाइन को शिफ्ट कराने की तेज हुई मांग, तुलसीपुर  छत के ऊपर या उसके बगल से निकला हाईटेंशन तार ने बुधवार को विजिलेंस सिपाही अभिषेक सिंह की जान ले ली थी।

इसके बाद से तुलसीपुर और आसपास के क्षेत्रों में इन जानलेवा तारों को हटाने की मांग और तेज हो गई है। पिछले एक साल में हाईटेंशन लाइन के चपेट में आने से इन स्थानों पर अब तक चार मौतें हो चुकी हैं। वहीं सात लोग इससे झुलस चुके हैं।

इसके बाद भी बिजली विभाग इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है।  बस्ती कालोनी में 11 केवीए हाईटेंशन तार पांच लोगों के घरों के ऊपर से निकला है। इस स्थान पर एक श्रमिक और बालिका चपेट में आ चुकी है। इसके बाद बस्ती के लोगों ने लाइन शिफ्ट करने की मांग की, लेकिन इसे अनसुना कर दिया गया।

अधिवक्ता रवि सिंह ने बताया कि उनके आवास की छत के ऊपर से तार निकला है। बुधवार को बिजली विभाग की विजिलेंस टीम के सिपाही अभिषेक सिंह मौत ने सभी को झकझोर दिया है।

बलरामपुर चौराहे पर धीरु कसौधन, बाबूलाल जयसवाल, सुरेश गुप्त, मोहनलाल गुप्त, नियाज, एमएल शाह, प्रदीप पांडेय, माधव गुप्त व तिलकराम जायसवाल एवं बुद्धा मैरिज हाल के किनारे से 33 हजार लाइन निकली है। कभी भी दोबारा बड़ी घटना घट सकती है। अवर अभियंता विकास ने बताया कि इन स्थानों से हाईटेंशन तार की शिफ्टिंग के लिए उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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