रासुका व धर्मांतरण के खिलाफ किया धरना-प्रदर्शन
प्रदेश में हो रहे धर्मांतरण के खिलाफ और नारायणपुर जिले में धर्मांतरण को लेकर हुई मारपीट के मामले को लेकर के आदिवासी मोर्चा भाजपा ने जिला मुख्यालय में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया। धरना-प्रदर्शन करने के बाद रैली निकाल राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार अपने संवैधानिक दायित्वों से उलट कार्यवाही कर रही है।
अभी शासन ने संदिग्ध तरीके से प्रदेश पर रासुका लगा दिया है। प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में लगातार जारी अवैध धर्मांतरण को रोकने अवैध चर्च निर्माण आदि पर रोक लगाने कार्रवाई करने की बजाय वर्ग भेद और वर्ग संघर्ष करने की रणनीति अपना रही है। राज्य के 31 जिलों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून विगत 3 जनवरी से तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। इस कृत्य से स्पष्ट है कि राज्य सरकार मिशनरियों को हौसला बढ़ाने और भोले-भाले आदिवासी समाज को भयभीत करने की मंशा से यह कानून लागू किया है।
ज्ञापन में उन्होंने कई मामलों से अवगत कराते हुए राज्यपाल से मामले को खुद संज्ञान में लेकर राज्य शासन के दंडात्मक कार्रवाई को रोकने की मांग की है। धरना-प्रदर्शन में कहा है कि आने वाले दिनों में यदि सरकार की दमनकारी नीतियों पर अंकुश नहीं लगाता है तो उग्र आंदोलन और धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। धरना-प्रदर्शन में जितेंद्र श्रीवास्तव, छोटेलाल गुप्ता, गोपाल कृष्ण मिश्र, शुभम पांडे, दिलीप सोनी सहित बड़ी संख्या में भाजपा आदिवासी मोर्चा व भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
