उत्तर प्रदेश

जानकीपुरम पुलिस व साइबर सेल ने चल रहे फर्जी कॉल सेन्टर गिरोह का पर्दाफाश किया

लखनऊ।

राजधानी लखनऊ की जानकीपुरम पुलिस व साइबर सेल ने शुक्रवार को एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर लोगों से बीमा पॉलिसी के नाम पर ऑनलाइन पैसा वसूल कर धोखाधड़ी का करते थे। इस गिरोह के करन शर्मा, अमन कुमार, विशाल विश्वकर्मा उर्फ रोहित, रौनित कुमार कश्यप, के.एस. प्रशांत श्रीवास्तव, विवेक कुमार और सुनील कुमार तिवारी समेत कुल सात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके पास से 95 हजार 2 सौ रुपये नकद, 22 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और 12 सिम बरामद किए गए हैं।अपर पुलिस उपायुक्त उत्तरी अभिजीत आर. शंकर ने बताया कि दिसंबर माह में साइबर क्राइम सेल पुलिस को इस फर्जी कॉल सेंटर के बारे में सूचना मिली और आईटी एक्ट का मुकदमा पंजीकृत किया गया। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और खोजबीन में जुट गई। इसके बाद पता चला कि लखनऊ के बादशाह नगर मेट्रो स्टेशन के पास ट्रिनीटी स्क्वायर के तीसरे तल पर मैक्स लाइफ इंश्योरेंस बीमा पॉलिसी के नाम से इस ऑफिस संचालन किया जा रहा था। जहां पर टेली कॉलिंग के द्वारा लाइफ इंश्योरस के लैप्स प्रीमियम के जमा कराने पर विशेष ऑफर का लालच देकर फ्री प्रीमियम की धनराशि को फ्रॉड तरीके से खोले गए खाते में जमा कराते थे। यही नहीं पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए करीब हर महीने टेली कॉलिंग में प्रयोग किए जा रहे मोबाइल फोन को सिम समेत तोड़ कर फेंक दिया करते थे, ताकि पुलिस के हाथ कोई सबूत न लगे। वहीं जानकीपुरम थाना निरीक्षक शैलेंद्र सिंह के मुताबिक, पूछताछ के दौरान अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि यह लोग भारत के विभिन्न लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का डाटा प्राप्त करते थे, जिसमें पीड़ित व्यक्तियों के मोबाइल फोन नम्बर व लाइफ इंश्योरेंस से संबंधित विवरण डाटा में होता था। इसके अलावा अभियुक्तों ने कबूला कि जरूरतमंद व्यक्तियों से यह लोग कुछ पैसा देकर एग्रीमेंट करते थे, जिसमें खाता खोलने के बाद उनके एटीएम कार्ड अपने पास रख लेते थे। इसके बाद लाइफ इंश्योरेंस डाटा में अंकित पीड़ित के मोबाइल नंबरों को क्रमवार फोन कर लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम के भुगतान पर छूट का लालच देते थे। छूट के लालच में आकर पीड़ित प्रीमियम जमा करने को राजी हो जाते थे। जिसके बाद पीड़ित के प्रीमियम को ये उनके फेक खाते में जमा कर आते थे और पैसा जमा कराने के बाद एटीएम कार्ड के द्वारा पूरा पैसा कैश के रूप में निकाल लेते थे।

ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञानचंद।

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