इलाज में भी महंगाई बेहिसाब
बलरामपुर ।
खुदरा के बाद देश के थोक मूल्य सूचकांक में भी बढ़ोतरी ने बड़ी आबादी को मुश्किल में डाल दिया है। महंगाई से कोई भी वर्ग अछूता नहीं है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर गरीब और निम्न मध्यम वर्ग पर पड़ा है। स्कूल फीस, बस फीस, ड्रेस व किताबों की कीमत ने अभिभावकों की जेबें खाली कर दी है। डाक्टर की फीस व दवाओं के मूल्य में हुई बेतहाशा वृद्धि में मरीजों का दर्द बढ़ा दिया है।
आलम यह है कि महंगी दवाओं के कारण लोगों को समुचित इलाज नहीं मिल रहा है। महंगे बस्तों का बोझ ढो रहे अभिभावक : सरकार के प्रतिबंधों के बावजूद मांटेसरी स्कूलों में निजी प्रकाशकों की पुस्तकों का चलन बंद नहीं हो रहा है।
पुस्तक विक्रेता स्कूल संचालकों को 60 से 70 प्रतिशत कमीशन देकर निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलवा रहे हैं। बेबस अभिभावक अपने पाल्यों का भविष्य संवारने के लिए महंगे बस्तों का बोझ ढोने को मजबूर हैं। यूपी बोर्ड, सीबीएसएई बोर्ड व आइसीएसई बोर्ड के स्कूलों में नर्सरी के बच्चों का बस्ता 2000 से 3000 रुपये में तैयार होता है।
कक्षा एक व दो की कापियां, किताबें, स्टेशनरी व बैग 3000 से 4000 रुपये में मिलता है। कक्षा तीन का बैग चार हजार से 4500 तक, कक्षा चार व पांच का 4500 से 5500 एवं कक्षा छह से आठ तक का बस्ता 5500 से 6500 रुपये में तैयार होता है। कक्षा नौ-10 की शिक्षण सामग्री में 6500 व 11-12 में 5000 रुपये तक का खर्च आता है। यही नहीं कमरतोड़ महंगाई में नर्सरी क्लास की फीस 1000 से 1500 रुपये तक वसूली जा रही है।
ऐसे में मध्यम वर्गीय परिवार के लिए बच्चों को पढ़ाना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। ऐसे महंगी हुई स्टेशनरी : पुस्तक विक्रेता संजय रस्तोगी का कहना है कि कागज के दामों में 25 से 30 प्रतिशत, प्लास्टिक में 15 प्रतिशत व पेन की जीएसटी में 18 फीसद बढ़ोतरी हुई है। डीजल की कीमतें बढ़ने से माल ढुलाई में भी इजाफा हुआ है।
दवाओं के साथ महंगी हुई जांच : दिनोंदिन बढ़ती महंगाई का असर दवाओं के साथ पैथोलाजी जांच पर पड़ा है। सरकारी अस्पतालों में जांच सुविधा न होने से अधिकांश मरीजों को निजी पैथोलाजी पर जाना पड़ता है। यहां जांचें महंगी होने की वजह केमिकल व टेस्ट ट्यूब के दामों में बढ़ोतरी होना है।
लैब संचालकों के मुताबिक सितंबर में सभी जांचों पर 10 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान है। दवाओं के दामों में रोजाना बढ़ोतरी से मरीजों का दर्द बढ़ रहा है। निजी पैथोलाजी पर जांच का मूल्य : -सीबीसी – 350 रुपये -मलेरिया (कार्ड) – 250 रुपये -टाइफाइड (कार्ड) – 250 रुपये -थायराइड – 650 रुपये -अल्ट्रासाउंड – 600 रुपये -एलएफटी – 450 रुपये -केएफटी – 850 रुपये
