चुने गए 130 विधायक
बाराबंकी।
आजादी के बाद से लेकर आज तक जिले में 130 विधायक निर्वाचित हुए। इनमें कोई दो, कोई तीन तो कोई छह-छह बार विधायक बना। विधायक के पदों पर हमेशा पुरुषों का ही दबदबा रहा। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक केवल नौ बार ही महिलाएं विधायक बनीं। इनमें से सिर्फ एक ही महिला दो बार निर्वाचित हुई।
आजादी के बाद पहली विधानसभा का गठन सन् 1952 में हुआ। इनमें कई सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ था। इंटरनेट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1957 में प्रतापगंज क्षेत्र से बिंदुमती दास विधायक बनीं। इसके बाद वर्ष 1969 में जिले की हैदरगढ़ सीट से कांग्रेस से हमीदा हबीबुल्ला निर्वाचित हुई। 1974 में मसौली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर मोहसिना किदवई विधायक निर्वाचित हुईं।
1980 में नवाबगंज सीट से पार्वती देवी जनता-एस चरण सिंह पार्टी से विधायक बनीं। 1993 में रामनगर सीट पर भाजपा से राजलक्ष्मी वर्मा विधायक निर्वाचित हुईं। 2002 में चौदहवीं विधानसभा के गठन को लेकर हुए चुनाव में जिले को दो महिला विधायक मिलीं। रामनगर सीट से भाजपा की उम्मीदवार राजलक्ष्मी वर्मा व फतेहपुर से भी भाजपा प्रत्याशी राजरानी रावत विधायक चुनी गईं।
इसके बाद 2007 में भी सिद्घौर विधानसभा क्षेत्र से सांसद व विधायक रहे स्वर्गीय कमला प्रसाद रावत की पत्नी धर्मी रावत विधायक बनीं तो फतेहपुर से बसपा से मीता गौतम विधायक चुनी गईं। इसके बाद से जिले को महिला विधायक नहीं मिली। हालांकि राजरानी आज जिले की पहली नागरिक अर्थात जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।
चार सदनों की सदस्य रह चुकीं मोहसिना
भले ही बाराबंकी जिले में महिला नेताओं पर दांव लगाने में राजनीतिक दल पीछे रहे हों मगर जिले की निवासी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री मोहसिना किदवई पहली ऐसी महिला नेता हैं जो चारों सदन में रहीं। विधायक, विधान परिषद सदस्य, सांसद व राज्यसभा सदस्य रहीं मोहसिना किदवई के कारण बाराबंकी की धमक केंद्र तक रही।
