विकास के नाम पर जमकर हुआ खर्च, नहीं बदली गांव की सूरत
बलरामपुर।
विकासखंड के ग्राम पंचायत विश्रामपुर में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। गांव में विकास के नाम पर जमकर धन खर्च किया गया। बावजूद इसके गांव की सूरत नहीं बदल सकी। सरयू नहर किनारे बसा गांव आज भी विकास की दौड़ में पीछे है। जलनिकासी, पेयजल, पंचायत भवन, पक्की नाली, सीसी सड़क का अभाव है।
गांव के विकास का खाका तैयार करने के लिए पंचायत भवन भी नहीं है। पंचायत भवन का निर्माण अधूरा होने से पंचायत सदस्यों की बैठक नहीं हो पाती है। नियमित साफ-सफाई न होने से चारों तरफ गंदगी बिखरी है। यही नहीं गांव में सरकारी योजनाओं का लाभ भी पात्रों को नहीं मिल पा रहा है। बाढ़ प्रभावित गांव होने के बाद भी अब तक राहत सामग्री का वितरण नहीं किया गया है।
गांव में करीब 300 शौचालय बने हैं, लेकिन अधिकांश बदहाल हैं। गौतम का कहना है कि शौचालय के लिए पात्र हैं, लेकिन अब तक मिला नहीं है। 50 और लाभार्थी शौचालय योजना का लाभ पाने के लिए भटक रहे हैं। श्याम लाल का कहना है कि करीब पांच साल पहले आवास की पहली किस्त मिली थी। तब से दूसरी किस्त पाने के लिए ब्लाक व जिला मुख्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अधिकारी नहीं सुन रहे हैं। रुपया न मिलने से छत पूरा नहीं हो सका।
खंड विकास अधिकारी राजीव मोहन त्रिपाठी ने बताया कि शीघ्र ही गांव का निरीक्षण कर विकास कार्यों में प्रगति का जायजा लिया जाएगा। जांच कराकर पात्रों को योजना का लाभ दिलाया जाएगा। पंचायत भवन के संबंध में सचिव व ग्राम प्रधान से जानकारी ली जाएगी।
